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बहुत ही खास है आज की संकष्टी चतुर्थी, जानिए नाम-महत्व और व्रत-विधि

हिंदू धर्म में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी मनाई जाती है, सावन माह में 4 अगस्त 2023 को अधिक मास विभुवन संकष्टी चतुर्थी मनाई जाने जाएगी.

vibhuvan Sankashti chaturthi 2023
संकष्टी चतुर्थी

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Published : Aug 4, 2023, 6:33 AM IST

Updated : Aug 4, 2023, 9:38 AM IST

विभुवन संकष्टी चतुर्थी 2023 : सनातन धर्म विभुवन संकष्टी चतुर्थी हिंदुओं के बीच महत्व रखती है क्योंकि यह यह हर तीन साल में अधिक मास के दौरान आने वाले केवल अधिक मास ( Adhik Maas )के दौरान आती है. इस बार 4 अगस्त 2023 को अधिक मास विभुवन संकष्टी चतुर्थी सावन माह में मनाई जाएगी. सनातन धर्म के अनुसार हर महीने दो चतुर्थी तिथियां होती हैं, कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है.

विभुवन संकष्टी चतुर्थी
हिंदू धर्म में प्रथम पूज्य भगवान गणेश की पूजा का बहुत ही महत्व है, भगवान गणेश विघ्नहर्ता है वह जीवन में आने वाले सभी विघ्नों को दूर करते हैं.विशेषकर Sankashti Chaturthi के दिन भगवान गणेश की पूजा करने से सभी संकट-कष्ट दूर होते हैं.4 अगस्त 2023 के दिन भद्रा सुबह 5:44 से दोपहर 12:45 तक रहेगी, इस दौरान शुभ कार्यों से बचाना चाहिए. संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान चंद्र देव की पूजा करने से चंद्रदेव की विशेष कृपा मिलती है. 4 अगस्त 2023 सावनअधिक मास विभुवन संकष्टी चतुर्थी के दिन चन्द्रोदय रात 9:10बजे होगा.
  1. चतुर्थी तिथि प्रारम्भ - 04 अगस्त 2023 को दोपहर 12:45 बजे
  2. चतुर्थी तिथि समाप्त - 05 अगस्त 2023 को सुबह 09:39 बजे
  3. विभुवन संकष्टी चतुर्थी के दिन चन्द्रोदय - 09:10 रात

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विभुवन संकष्टी चतुर्थी 2023 पूजा-विधि : सुबह जल्दी उठकर स्नान करें, पूजा कक्ष को साफ करें. पूरे दिन व्रत रखने के बाद शाम को संकष्टी चतुर्थी की पूजा की जाती है. सबसे पहले एक लकड़ी के तख्ते पर भगवान गणेश की मूर्ति रखें. भगवान गणेश को पीले वस्त्र-फूल और भगवान गणेश की पसंदीदा दूर्वा घास अर्पित करें. गजानन के सामने धूपबत्ती, देसी-घी का दीया लगाएं. लड्डू , मोदक, मीठे पान केले और का भी भोग लगाएं. भगवान गणेश की आरती करें. व्रत खोलने से पहले चंद्रमा को जल या अर्घ्य दें. विभुवन संकष्टी चतुर्थी के दिन मखाने की खीर, समा चावल की खिचड़ी और कोई भी दूध से बने सात्विक आहार ग्रहण करें. संकष्टी चतुर्थी के दिन निम्न मंत्रों का जाप कर सकते हैं.

  1. ॐ गं गणपतये नमः..
  2. ॐ गणेशाय नमः
  3. गणेश गायत्री मंत्र- ॐ एकदंताय विद्महे,वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्...ॐ महाकर्णाय विद्महे,वक्रतुण्डाय धीमहि,तन्नो दंती प्रचोदयात्...ॐ गजाननाय विद्महे,वक्रतुण्डाय धीमहि,तन्नो दंती प्रचोदयात्।।
Last Updated : Aug 4, 2023, 9:38 AM IST

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