दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

हिमाचल प्रदेश : दूल्हे समेत बारात बन गई थी पत्थर! आज भी मौजूद है निशानी - mysterious panera hill

एक किंवदंती के अनुसार चंबा के सलूणी में सिंगाधार से महाभारत काल में एक दूल्हे की बारात ढांड गांव के लिए निकली थी. पनेरा पहाड़ी पर पहुंचते ही बारात आराम करने के लिए रुकी थी. बर्फबारी के चलते बारात पहाड़ी से नहीं निकाल पाई और ठंड के चलते पत्थर बन गई.

mysterious panera hill
mysterious panera hill

By

Published : Apr 22, 2021, 9:19 PM IST

शिमला : चंबा जिला चंबा की एक पहाड़ी पर पत्थरों की कतार आज भी एक रहस्य बनी हुई है. ये पत्थर दूसरे पत्थरों की तरह ही दिखते हैं. पर इन पत्थरों के पीछे एक पुरानी कहानी छिपी है.

दूल्हे समेत बारात बन गई थी पत्थर

एक किंवदंती के अनुसार चंबा जिला के सलूणी में सिंगाधार से महाभारत काल में एक दूल्हे की बारात ढांड गांव के लिए निकली थी.

किंवदंती के अनुसार बारात में 300 लोग शामिल थे. पैदल चलते हुए बाराती थक चुके थे. पनेरा नाम की पहाड़ी पर पहुंचते ही बारात आराम करने के लिए रुकी थी. इसी बीच मौसम खराब हो गया. मौसम खराब होते ही भारी बर्फबारी शुरू हो गई. भारी बर्फबारी के बीच बारात इस पहाड़ी पर ही फंस गई. बर्फबारी के चलते बारात पहाड़ी से नहीं निकाल पाई और ठंड के चलते पत्थर बन गई. लोगों का मानना है कि पहाड़ी पर आज भी बारात पत्थरों के रूप में मौजूद हैं. सभी पत्थर(बाराती) एक कतार में हैं.

महाभारत के समय का है किस्सा

ईटीवी भारत ने इस किंवदंती के बारे में आस पास के स्थानीय लोगों से बातचीत की. पत्थर की बारात का ये किस्सा बुजुर्ग से लेकर बच्चे-बच्चे तक की जुबान पर था. पहाड़ी पर कतार में पड़ी हुई इन चट्टानों को आज भी लोग बाराती मानते हैं.

पनेरा पहाड़ी के नजदीक पड़ने वाले नैला गांव के 80 वर्षीय मुस्तफा का कहना है कि उन्होंने भी बुजुर्गों से इस बारात के बारे में सुना था. महाभारत के समय में एक बारात सिंगाधार से ढांड के लिए जा रही थी. पहाड़ी पर बारात भारी बर्फबारी के बीच फंस गई और पत्थर बन गई. बारातियों के निशान आज भी पत्थरों के रूप में वहां मौजूद हैं.

पढ़ें :-शिवरात्रि विशेष : जानिए मध्य प्रदेश के इस भोजेश्वर मंदिर का क्या है रहस्य...

दिन के समय पहाड़ी पर जाने से डरते हैं लोग

इस पहाड़ी पर आज भी लोग दिन के 12 बजे से लेकर 1 बजे तक गुजरने से डरते हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि दिन के समय यहां पहाड़ी से पत्थरों के गिरने की आवाज सुनाई देती, लेकिन पत्थर गिरते हुए आज तक नहीं दिखाई दिए.

ABOUT THE AUTHOR

...view details