नई दिल्ली : म्यांमार की रेजिस्टेंस फोर्सेस ने जुंटा सैनिकों पर घातक धावा बोला है. उन्होंने रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण बेस पर भी कब्जा जमा लिया. प्रमुख सैन्य संस्थानों को अपने अधीन कर लिया. ऐसा लगता है कि म्यांमार में सत्ता संघर्ष और गहरा सकता है और संभवतः प्रजातंत्र के समर्थकों को उम्मीद की नई किरण दिख रही है.
एक दिन पहले सोमवार को चिन नेशनल आर्मी ने भारत की सीमा से सटे इलाके व्यापारिक रूप से महत्वपूर्ण रेह खॉ दा (फालम टाउनशिप) को जुंटा के हाथों से छीन लिया. चिन स्टेट पश्चिमी म्यांमार का इलाका है. इसके पूर्व में सैगॉंग डिविजन और मैगवे डिविजन है, जबकि दक्षिण में रखाइन प्रांत है. इसके पश्चिम में बांग्लादेश का चटगांव डिविजन और मिजोरम है, जबकि उत्तर में मणिपुर है.
रेजिस्टेंस फोर्सेस ने एक महीने के भीतर दोनों सीमाओं के महत्वपूर्ण जगहों को अपने अधीन कर लिया है. थ्री ब्रदरहुड अलायंस के ऑपरेशन 1027 के बाद जुंटा के लिए यह सबसे बड़ा झटका है. इस अलायंस में म्यांमार नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस, तांग नेशनल लिबरेशन आर्मी और अराकान आर्मी शामिल है. इन्होंने चीन से सटे शान प्रांत के कई शहरों पर कब्जा जमा लिया है.
'द इरावदी' मीडिया के मुताबिक अपर सैगॉंग क्षेत्र पर काचिन इंडिपेंडेंस आर्मी, एए और पीडीएफ रेजिस्टेंस फोर्सेस ने छह नवंबर को कब्जा कर लिया. उनके समर्थन में कारेनी रेजिस्टेंस फोर्सेस ने ऑपरेशन 1107 चलाया और जुंटा के काया स्टेट लोइकॉ, मेसे और शान के मोएबी शहर को अपने अधीन कर लिया. पिछले सप्ताह भारतीय सीमा से सटे खंपत शहर (तमू टाउनशिप) पर चिन नेशलनाइट्स डिफेंस फोर्स, केआईए और पीडीएफ ने मिलकर कब्जा कर लिया. तमू मणिपुर के मोरेह शहर के ठीक सामने है.
क्या है थ्री ब्रदरहुड अलायंस - इसमें एए, एमएनडीएए और टीएनएलए तीन भागीदार हैं. इसका गठन 2019 में किया गया था. हालांकि, इसकी चर्चा इस साल हो रही है, क्योंकि इस साल इन्होंने कई इलाकों पर कब्जा कर लिया. म्यांमार में 2021 में जुंटा ने प्रजातांत्रिक रूप से चुनी गई राष्ट्रपति आंग सांग सू की सत्ता पलट दी थी. उस समय यह अलांयस मुखर होकर अपनी प्रतिक्रिया नहीं दे सका. इसके बाद म्यांमार के सिविल वॉर में इस अलायंस ने राखिने और उत्तरी शान प्रांत में अपनी ताकत का परिचय दिया.
एए मुख्य रूप से रखाइनप्रांत में सक्रिय है. यह एक एथनिक आर्म्ड संगठन (जातीय सशस्त्र संगठन) है. 10 अप्रैल 2009 को इसका गठन किया गया था. इस संगठन का राजनीतिक प्रतिनिधित्व यूनाइटेट लीग ऑफ अराकान करता है. एमएनडीएए कोकांग क्षेत्र में सक्रिय है. यह 1989 से ही अस्तित्व में है. उसी साल इसने उस समय की बर्मा सरकार के साथ सीजफायर एग्रीमेंट में भाग लिया था. उसके बाद अगले 20 सालों तक यह उस समझौते से बंधा रहा. टीएनएलए पलौंग स्टेट लिबरेशन फ्रंट का आर्म्ड विंग है. यह ड्रग व्यापार और हेरोइन और गांजा की खेती का विरोध करता रहा है. यह उस खेत को भी तबाह कर देता है, जहां पर इसे उपजाया जाता है. संगठन दावा करता है कि वह हफीम की खेती करने वालों को गिरफ्तार भी करता है.
ऑपरेशन 1027- म्यांमार के उत्तरी शान में रेजिस्टेंस फोर्सेस ने मिलकर जुंटा पर हमला बोला. म्यांमार की सेना, पुलिस और उनके समर्थक संस्थानों पर हमला किया. कुटकाई, क्यौक्मे, म्यूज, नम्हकम, नवांघकिओ, लैशियो, और चिनश्वेहौ स्थित सैन्य संस्थानों को अपने अधीन कर लिया. इसके बाद वे सैंगॉंग क्षेत्र की ओर बढ़े. यहां पर मोगोक, मांडले और हटिगयांग और कावलिन पर कब्जा कर लिया. छह नवंबर तक अलायंस ने आर्मी के 125 आउटपोस्ट को अपने अधीन कर लिया. बाद में पीडीएफ भी इनके मुहिम के साथ जुड़ गया.