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म्यांमार संकट के बीच असम राइफल्स ने सीमा पर बढ़ाई चौकसी: अधिकारी - म्यांमार में युद्ध जैसी स्थिति

असम राइफल्स ने म्यांमार में व्याप्त युद्ध जैसी परिस्थितियों के बीच अंतरराष्ट्रीय सीमा पर महत्वपूर्ण स्थलों पर चौकसी बढ़ा दी है. 'ईटीवी भारत' के वरिष्ठ संवाददाता गौतम देबरॉय की रिपोर्ट...Assam Rifles doing area domination

Assam Rifles doing area domination posture along Indo-Myanmar border Official
म्यांमार संकट के बीच असम राइफल्स ने सीमा पर बढ़ाई चौकसी: अधिकारी

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 19, 2023, 6:38 AM IST

नई दिल्ली:गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को कहा कि म्यांमार में युद्ध जैसी स्थिति के मद्देनजर असम राइफल्स ने संवेदनशील स्थानों और अंतरराष्ट्रीय सीमा पार करने पर चौकसी बढ़ा दी है. अधिकारी ने कहा कि इस संवेदनशील सीमा पर सभी संभावित घुसपैठ को रोकने के लिए ड्रोन के इस्तेमाल को भी सेवा में लगाया गया है.

अधिकारी ने कहा, 'केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियां और राज्य एजेंसियां दोनों स्थिति पर करीब से नजर रख रही हैं.' अधिकारी ने बताया कि निगरानी तंत्र बढ़ाने के अलावा, एजेंसियां संवेदनशील स्थानों पर ड्रोन का भी उपयोग कर रही हैं. असम राइफल्स 1.643 किमी लंबी भारत-म्यांमार सीमा की सुरक्षा कर रही है. मिजोरम में जोखावथर गांव से सटे विभिन्न स्थानों को संवेदनशील क्षेत्र माना जाता है जहां से आमतौर पर म्यांमार से मिजोरम में आमद होती है.

तियाउ नदी पर बना एक पुल जोखावथार को म्यांमार के चिन राज्य से जोड़ता है. अधिकारी ने कहा, 'दोनों देशों के नागरिकों की आवाजाही पर नजर रखने के लिए सुरक्षा कर्मियों द्वारा कड़ी निगरानी बढ़ा दी गई है.' अधिकारी ने असम राइफल्स शिविरों के स्थान का जिक्र करते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सुरक्षा बलों की संतुलित तैनाती है.

परिस्थिति आधारित आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए तैनाती गतिशील बनी हुई है. वास्तव में जरूरत पड़ने पर सीमा के करीब सुरक्षा बलों की आवाजाही को सुविधाजनक बनाने के लिए भारत-म्यांमार सीमा पर सड़क कार्यों के विकास, बुनियादी ढांचे के निर्माण पर भारी प्रोत्साहन दिया जा रहा है. गौरतलब है कि भारत-म्यांमार सीमा पर सुरक्षा हमेशा से केंद्र सरकार के लिए चिंता का विषय रही है.

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कई भारतीय विद्रोहियों के शिविर म्यांमार में हैं और पोरस सीमा का फायदा उठाकर विद्रोही एक तरफ से दूसरी तरफ घूमते रहते हैं. म्यांमार सेना और म्यांमार विद्रोहियों के बीच झड़प के बाद म्यांमार के सीमावर्ती इलाकों में हालात खराब हो गए हैं. भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक और बड़ी चिंता यह है कि म्यांमार की सेना पूर्वोत्तर के कुछ विद्रोही समूहों, विशेष रूप से मणिपुर के कुछ समूहों को म्यांमार के जातीय सशस्त्र समूहों के खिलाफ लड़ने के लिए हथियार दे रही है. अधिकारियों ने कहा, 'इस बात की प्रबल संभावना है कि उन हथियारों और गोला-बारूद का इस्तेमाल भविष्य में पूर्वोत्तर विद्रोहियों द्वारा किया जाएगा.'

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