गंगा विलास क्रूज पहुंचा चंदौली. चन्दौलीः टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए पीएम मोदी ने शुक्रवार रविदास घाट से गंगा विलास क्रूज को रवाना किया. इस दौरान पीएम मोदी ने सभा को वर्चुअली संबोधित भी किया. वहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गंगा विलास क्रूज को हरी झंडी दिखाई. वाराणसी के रविवास घाट से होते हुए गंगा विलास क्रुज चंदौली की सीमा पर पहुंची. यहां करीब 80 किमी. गंगा नदी की सीमा चंदौली में है. गंगा विलास क्रूज की सुरक्षा के लिए जल पुलिस के साथ पीएसी के स्टीमर भी गंगा में लगाए गए है. सुरक्षा के मद्देनजर गंगा की सीमा क्षेत्र में पड़ने वाले चौकी और थाने भी एलर्ट मोड़ पर है.
गंगा विलास क्रुज को रवाना करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि "इस अभिनव प्रयोग के बाद क्रूज टूरिज्म के क्षेत्र में एक नए दौर की शुरुआत होगी. युवाओं के लिए रोजगार, व्यापार के अवसर बढ़ेंगे. वहीं, विदेशी पर्यटकों के लिए भी ये आकर्षण का केंद्र होगा. देश के भी जो पर्यटक पहले ऐसे अनुभवों के लिए विदेश जाते थे, वो भी अब पूर्वोत्तर भारत का रुख कर पाएंगे. 21वीं सदी का ये दशक भारत में इंफ्रास्ट्रक्चर के कायाकल्प का दशक है. इस दशक में भारत के लोग आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर की वो तस्वीर देखने जा रहे हैं, जिसकी कल्पना तक मुश्किल थी. भारत अपने आधुनिक अवतार में एक अत्याधिक विकसित परिवहन प्रणाली के लिए अपनी विरासत की ताकत को प्रज्वलित कर रहा है."उन्होंने कहा कि इतिहास की बात करें तो 2014 में सिर्फ 5 राष्ट्रीय जलमार्ग भारत में थे, आज 24 राज्यों में 111 राष्ट्रीय जलमार्गों को विकसित करने का काम हो रहा है. इनमें से लगभग दो दर्जन जलमार्गों पर सेवाएं चल रही हैं. गंगा पर बन रहा राष्ट्रीय जलमार्ग पूरे देश के लिए एक मॉडल की तरह विकसित हो रहा है. ये राष्ट्रीय जलमार्ग ट्रांसपोर्ट, ट्रेड और टूरिज्म के लिए एक महत्वपूर्ण माध्यम बन रहा है.
वहीं, गंगा विलास क्रूज की सिक्योरिटी में तैनात डीएसपी अनिरुद्ध सिंह ने बताया कि गंगा विलास क्रूज चंदौली जनपद की 80 किमी की सीमा पार करेगी. 3 बोट पर 10 कांस्टेबल लगाए गए हैं. जो चंदौली जनपद के आखिरी छोर तक जायेंगे और गाजीपुर की सीमा में प्रवेश करने के बाद वापस लौट जाएंगे.
गौरतलब है कि गंगा विलास क्रूज उत्तर प्रदेश के वाराणसी से अपनी यात्रा शुरू करके 51 दिनों में लगभग 3,200 किलोमीटर की यात्रा तय करके बिहार झारखंड बंगाल और बांग्लादेश के ढाका के रास्ते डिब्रूगढ़ पहुंचेगी. इस दौरान यह क्रूज 27 कनेक्टिंग नदियों की यात्रा करेगी. इस क्रूज पर 33 विदेशी सैलानी सवार है. जो यात्रा के दौरान देश के विभिन्न धर्मिक व सांस्कृतिक स्थलों से रूबरू होंगे. जो भारत की विरासत और आधुनिकता के अद्भुत संगम को समझेंगे.
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