वाराणसी: भारतीय संस्कृति और परंपरा लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं. शायद यही वजह है कि विदेश में रहने वाले लोग अब भारत की संस्कृति को न सिर्फ अपना रहे हैं, बल्कि भारत की परंपराओं के अनुरूप अपने आप को ढालने की कोशिश भी कर रहे हैं. कुछ ऐसा ही नजारा आज वाराणसी में यूएसए से घूमने आए एक कपल के साथ भी देखने को मिला. कियमाह दीन खलीफा और उनकी प्रेमिका केशा खलीफा ने शनिवार को बनारस के त्रिलोचन मंदिर में हिंदू रीति रिवाज से सात फेरे लेकर शादी की. दोनों का जन्म मुस्लिम कम्युनिटी में हुआ था.(Foreign couple from USA got married)
मुस्लिम कम्युनिटी में पैदा हुए और उसी रीति-रिवाज से अपने आपको जीवन भर रखने वाले कियमाह दीन खलीफा और उनकी प्रेमिका केशा खलीफा ने आज वाराणसी से कुछ दूरी पर स्थित त्रिलोचन महादेव मंदिर में जाकर हिंदू रीति रिवाज से सात फेरे लिए, लगभग 2 घंटे तक शादी की रस्मों को पूरा कर दोनों ने हिंदू धर्म को सबसे पवित्र धर्म मान कर अपने जीवन में व्याप्त खालीपन को दूर करने के लिए सनातन धर्म के अनुसार दोनों को एक दूसरे को स्वीकारने के लिए इस तरीके से शादी करने की बात कही.
हिंदू रीति रिवाज से शादी करते कियमाह दीन खलीफा और केशा खलीफा दरअसल, यूनाइटेड स्टेट ऑफ अमेरिका के रहने वाले कियमाह दीन खलीफा और उनकी प्रेमिका केशा खलीफा 18 सालों से एक दूसरे को जानते हैं. यूएस में रहकर कियमाह दीन खलीफा बिजनेस करते हैं और इनका खेती-बाड़ी का भी काम है. दोनों एक दूसरे से दोस्ती में आगे बढ़े और यह रिश्ता प्यार में तब्दील हो गया. इस दौरान 5 साल पहले इन दोनों का वाराणसी आना हुआ था. बनारस में लगभग 10 दिनों तक रहने के दौरान दोनों को यहां की संस्कृति परंपरा और हिंदू रीति रिवाज से होने वाली शादियां काफी अच्छी लगी.
इसके बाद उन्होंने अपने गाइड राहुल दुबे से किसी एस्ट्रोलॉजर से मिलवाने के लिए कहा, राहुल दुबे ने उस वक्त इन्हें काशी में रहने वाले गोविंद गुरु से मिलवाया. गोविंद गुरु ने इन दोनों की कुंडली बनाकर इन दोनों के भविष्य के बारे में उन्हें जानकारी दी. गोविंद गुरु ने बताया कि इन दोनों को जब हमने सनातन धर्म की जानकारी दी, तो वह इससे काफी प्रभावित हुए. केशा की दादी भारत से थी और यूएस जा कर उन्होंने गैर धर्म मे शादी की थी. जिसके बाद यह दोनों भारत आए और यहां की संस्कृति परंपरा और हिंदू रीति रिवाज से काफी प्रभावित हुए. कोविड-19 के कारण दोनों काशी नहीं आ पा रहे थे. इसके बाद उन्होंने फोन से संपर्क करके 2022 में शादी की बात कही थी.
बनारस पहुंचने के बाद दोनों ने शनिवार को त्रिलोचन महादेव मंदिर में हिंदू रीति रिवाज से शादी रचाई. इसमें बकायदा कियमाह दीन खलीफा और उनकी प्रेमिका केशा खलीफा ने मंत्रोच्चारण के साथ अग्नि के सात फेरे भी लिए और सिंदूरदान की रस्म अदा की गई. शादी संपन्न होने के बाद केशा ने अपने पति के पैर छूकर आशीर्वाद भी लिया.
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विदेशी जोड़े ने बताया कि हम मुस्लिम धर्म में पैदा जरूर हुए, लेकिन हमें अपने जीवन में कुछ बदलाव चाहिए था. यूएस में रहकर भारत घूमने आने पर हमें यहां की संस्कृति काफी अच्छी लगी. अपने जीवन में महसूस होने वाले खालीपन को दूर करने के लिए हमने हिंदू रीति रिवाज से शादी करने की प्लानिंग की और शादी करने के लिए बनारस आ गए. दोनों ने आगे कहा कि हमने सुना था कि हिंदू धर्म और रीति रिवाज से शादी करने से सात जन्मों का बंधन बनता है. जबकि बाकी किसी धर्म में यह बातें प्रमाणिकता के साथ नहीं पुष्ट होती है. हमने अपने प्यार को सात जन्मों के बंधन में बांधने के लिए ही इस धर्म और संस्कृति के अनुसार शादी की है. यहां पर पूरे रस्मो रिवाज से हमने शादी संपन्न की और 3 दिन काशी में रहने के बाद हम यहां से यूएस के लिए वापस रवाना हो जाएंगे.
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