कोलकाता: कोलकाता की एक विशेष एनआईए अदालत ने आईएसआईएस की तर्ज पर विदेशियों की हत्या करने की साजिश रचने के आरोपी मोहम्मद मोसीउद्दीन उर्फ मूसा को शुक्रवार को उम्रकैद की सजा सुनाई. मूसा को राज्य सीआईडी ने जुलाई 2016 में पश्चिम बंगाल के बर्दवान में एक ट्रेन से गिरफ्तार किया था. उसके बाद राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने मामले की जांच अपने हाथ में ले ली थी. मुख्य न्यायाधीश सिद्धार्थ कांजीलाल ने मूसा को भारत सरकार के खिलाफ युद्ध की साजिश रचने और इस उद्देश्य के लिए लोगों और हथियारों को इकट्ठा करने का दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई.
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एनआईए द्वारा पूर्व में दाखिल आरोप पत्र के अनुसार, मूसा कोलकाता के ‘मदर हाउस’ आने वाले विदेशियों, विशेष रूप से अमेरिकी, रूसी और ब्रिटिश नागरिकों, की आतंकी संगठन आईएसआईएस की शैली में हत्या करने की साजिश रच रहा था. एनआईए के वकील श्यामल घोष ने दावा किया कि मूसा आईएसआईएस से प्रेरित एक आतंकवादी है और वह जानलेवा हमलों की साजिश रच रहा था. उन्होंने उसके लिए कारावास की सजा देने का अनुरोध किया था. एनआईए ने अपने आरोप पत्र में दावा किया कि मूसा विदेशियों को छुरा घोंप कर मारने की साजिश रच रहा था, जो तरीका आईएसआईएस अपने लक्ष्य को खत्म करने के लिए अक्सर चुनता था.
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इसमें कहा गया कि उसने हमलों को अंजाम देने के लिये ‘मदर हाउस’ को चुना था जो मदर टेरेसा के मिशनरीज ऑफ चैरिटी का मुख्यालय है. एनआईए ने कहा कि उसके पास इस बात के सबूत हैं कि उसने आतंकी वारदात करने के लिए एक बड़ा चाकू खरीदा था. आरोप-पत्र में कहा गया कि मूसा ने ‘मदर हाउस’ में ऐसा हमला करने की साजिश को लेकर चर्चा की थी. मदर हाउस में अक्सर अमेरिका, रूस और ब्रिटेन से विदेशी नागरिक आते रहते हैं. आईएसआईएस से उसके संपर्कों को लेकर कोलकाता की जेल में अमेरिकी एजेंसी एफबीआई ने भी मूसा से पूछताछ की थी.