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Murder case of ex Andhra minister: सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश के एक हिस्से पर रोक लगाई

आंध्र प्रदेश के पूर्व मंत्री वाईएस विवेकानंद रेड्डी (former Andhra Pradesh minister Y S Vivekananda Reddy) की हत्या मामले में तेलंगाना हाई कोर्ट के आदेश के एक हिस्से पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने रोक लगा दी है. इस संबंध में निचली अदालत को आरोपी की जमानत अवधि एक जुलाई तक बढ़ाने के लिए कहा गया था. पीठ अब इस मामले में अगली सुनवाई 14 जुलाई को करेगी.

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Published : May 26, 2023, 8:31 PM IST

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने आंध्र प्रदेश के पूर्व मंत्री वाईएस विवेकानंद रेड्डी (former Andhra Pradesh minister Y S Vivekananda Reddy) की हत्या मामले में तेलंगाना उच्च न्यायालय (Telangana High Court) के उस आदेश के एक हिस्से पर रोक लगा दी, जिसमें निचली अदालत को एक जुलाई को आरोपी की जमानत अवधि बढ़ाने के लिए कहा गया था. न्यायमूर्ति जेके माहेश्वरी और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा की पीठ ने कहा कि वह उच्च न्यायालय के 27 अप्रैल के उस आदेश के एक हिस्से पर रोक लगा रही है, जिसमें निचली अदालत को आरोपी टी. गंगी रेड्डी की जमानत अवधि बढ़ाने का निर्देश दिया गया है.

पीठ ने मामले की अगली सुनवाई 14 जुलाई के लिए सूचीबद्ध की. पीठ दो याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें से एक याचिका में रेड्डी की बेटी सुनीता रेड्डी ने गंगी रेड्डी को सशर्त जमानत देने के उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी है. दूसरी याचिका गंगी रेड्डी द्वारा दायर की गई थी, जिसमें जमानत रद्द करने के उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी गई है. पीठ ने कहा, '14 जुलाई के लिए सूचीबद्ध. उच्च न्यायालय द्वारा पारित 27 अप्रैल के आदेश का निम्नलिखित भाग अगली सुनवाई की तिथि तक स्थगित रहेगा.'

उच्च न्यायालय ने 27 अप्रैल के अपने आदेश में कहा था, 'आरोपी नंबर-1 (टी गंगी रेड्डी) को पांच मई, 2023 को या उससे पहले आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया जाता है. उसके आत्मसमर्पण करने पर, उसे 30 जून, 2023 तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया जाएगा, जो सीबीआई द्वारा जांच पूरी करने के लिए उच्चतमत न्यायालय द्वारा तय की गई अधिकतम सीमा है.' आदेश में कहा गया था, 'मामले में, आरोपी ... उक्त तिथि को या उससे पहले संबंधित अदालत के सामने आत्मसमर्पण करने में विफल रहता है, तो सीबीआई उसे कानून के तहत हिरासत में लेने और सीबीआई मामलों के प्रधान विशेष न्यायाधीश, हैदराबाद की अदालत में पेश करने के लिए स्वतंत्र है.'

इसमें कहा गया, 'अदालत… को याचिकाकर्ता को एक जुलाई, 2023 को सशर्त जमानत पर रिहा करने का निर्देश दिया जाता है.' शुक्रवार को सुनवाई के दौरान सुनीता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ लूथरा ने पीठ को बताया कि सीबीआई ने उनकी याचिका पर अपना जवाबी हलफनामा दायर कर दिया है. उन्होंने कहा कि सीबीआई ने अपने जवाब में कहा है कि उच्च न्यायालय का आदेश एक 'खराब मिसाल' है.

गौरतलब है कि 24 मई को सुनवाई के दौरान सीबीआई ने विवेकानंद रेड्डी की हत्या के आरोपी गंगी रेड्डी को तेलंगाना उच्च न्यायालय द्वारा जमानत दिए जाने को 'स्वाभाविक रूप से विरोधाभासी' करार देते हुए उच्चतम न्यायालय से कहा कि वह निर्णय को चुनौती देने वाली याचिका का समर्थन करती है. केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल संजय जैन ने पीठ से कहा था, 'हमने ऐसा कभी नहीं सुना कि जमानत रद्द करने वाला आदेश जमानत की अनुमति देता हो. यह कैसे संभव है? स्वाभाविक रूप से विरोधाभासी.'

शीर्ष अदालत ने 18 मई को उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सीबीआई और आरोपी को नोटिस जारी किया था. गौरतलब है कि आंध्र प्रदेश के दिवंगत मुख्यमंत्री वाईएस राजशेखर रेड्डी के भाइयों में से एक विवेकानंद रेड्डी की राज्य में विधानसभा चुनाव से कुछ सप्ताह पहले 15 मार्च, 2019 की रात को कडप्पा जिले के पुलिवेंदुला स्थित उनके आवास पर हत्या कर दी गई थी.

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(पीटीआई-भाषा)

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