गोरखपुरः गोरखपुर दीवानी कचहरी में शुक्रवार दोपहर मंडलीय कारागार से पेशी पर आए एक कैदी ने चाकू से अपने गर्दन को काट ली. इस घटना को देखते ही सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मी आनन-फानन में में कैदी को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे. जिला अस्पताल में डॉक्टरों ने हालत गंभीर देखते हुए उसे मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया, जहां उसका इलाज चल रहा है.
पुलिस सूत्रों के मुताबिक गांव गंभीर है. इलाज की स्थिति को देखते ही आगे कुछ भी कहा जा सकता है. 'विधाता' नाम का यह कैदी अपने बड़े भाई की हत्या का आरोपी है. इसके अलावा इसने अपने पड़ोसी को भी मौत के घाट उतारा था और एक अन्य पड़ोसी पर भी जानलेवा हमला करने का इसके ऊपर आरोप है. ऐसे मामलों में ही यह पिछले 30 माह से गोरखपुर के मंडलीय कारागार में बंद है.
कैंट इंस्पेक्टर शशिभूषण राय ने बताया कि 'बंदी ने अपनी गर्दन क्यों काटी और वह जेल से पूरी जांच-पड़ताल के बाद कोर्ट परिसर में पेशी पर लाया गया था, तो उसके हाथ में चाकू कैसे आया इसकी जांच चल रही है. घायल कैदी विधाता के ऊपर हत्या, गैर इरादतन हत्या, बलवा और गैंगेस्टर जैसे मामले दर्ज हैं. वह शहर के कोतवाली थाना क्षेत्र के हठी माता मंदिर के हरिजन बस्ती का निवासी है. पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार 26 अक्टूबर 2020 को बंदी ने अपने बड़े भाई की हत्या की थी, जिसमें उसके बड़े भाई प्रेमशंकर की पत्नी मृदुला की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया गया था'.
वह इस हत्या से पहले भी आसपास के लोगों में भी भय का माहौल बनाता रहता था. 5 नवंबर 2013 को उसने अपने पड़ोसी गुड्डू को चाकू मारी थी और उसकी मौत हो गई थी. गुड्डू के परिजन मंगल चौहान की तहरीर पर गैर इरादतन हत्या और हत्या के प्रयास का केस दर्ज हुआ था. इसी प्रकार 6 अक्टूबर 2018 को विधाता और उसके साथियों ने पड़ोसी रुखसाना खातून के बेटे पर लाठी से हमला किया था. हमले में बलवा, मारपीट का केस दर्ज हुआ था. कोतवाली पुलिस ने इस मामले में विधाता के ऊपर गैंगेस्टर का मुकदमा भी दर्ज किया था. इसके खिलाफ सभी मामले कोतवाली में दर्ज हैं और सभी में आरोप पत्र दाखिल हो चुका है, जिसकी सजा वह जेल में पिछले 30 माह से काट रहा है.
पढ़ेंः Lucknow News: घूस के मामले में दरोगा को न्यायिक हिरासत में कोर्ट ने भेजा जेल, लेखापाल को नहीं मिली जमानत