मुंबई : मुंबई में उपनगर साकीनाका रेप पीड़िता की आज मौत हो गई. दरअसल, 34 वर्षीय इस महिला के साथ एक टेंपो के अंदर बलात्कार एवं निर्दयता से हमला किया गया था. पुलिस ने शुक्रवार को इस घटना की जानकारी दी थी.
पुलिस के हाथ इस घटना का CCTV फुटेज भी लगा है. यह घटना 2012 के 'निर्भया' कांड की याद दिलाती है. एक अधिकारी ने बताया कि घटना के कुछ ही घंटों के भीतर आरोपी मोहन चौहान (45) को गिरफ्तार कर लिया गया.
उन्होंने बताया कि शुक्रवार तड़के पुलिस नियंत्रण कक्ष को फोन आया कि खैरानी रोड पर एक व्यक्ति एक महिला की पिटाई कर रहा है. अधिकारी ने बताया कि महिला का पता लगाने के लिए पुलिस टीम मौके पर पहुंची. खून से लथपथ महिला को नगर निगम संचालित राजावाड़ी अस्पताल ले जाया गया.
मुंबई साकीनाका रेप मामला - CCTV में कैद करतूत उन्होंने बताया कि प्रारंभिक जांच के अनुसार, उसके साथ बलात्कार किया गया और उसके निजी अंगों में लोहे की छड़ से हमला किया गया. यह घटना सड़क किनारे खड़े एक टेंपो के अंदर हुई. वाहन के अंदर भी खून के धब्बे मिले हैं.
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उन्होंने बताया कि कुछ सुरागों के आधार पर कार्रवाई करते हुए आरोपी चौहान को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 307 (हत्या का प्रयास) और 376 (बलात्कार) के तहत गिरफ्तार किया गया और आगे की जांच जारी है.
बता दें, दिसंबर 2012 में, एक युवती - जिसे बाद में 'निर्भया' कहा गया - के साथ दिल्ली में चलती बस के अंदर निर्दयता से सामूहिक बलात्कार और हमला किया गया, जिससे पूरे देश में आक्रोश फैल गया. कई दिनों तक जिंदगी के संघर्ष के बाद अस्पताल में उसकी मौत हो गई थी.
NCP नेता नवाब मलिक का बयान
मुंबई के साकीनाका रेप पीड़िता की मौत के बाद महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. जिसमें उन्होंने पीड़िता की मौत पर अपना दुख जाहिर करते हुए कहा, बहुत दुखद है कि महिला नहीं रही. आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है. सरकार जितनी जल्दी हो सके चार्जशीट दाखिल करेगी. प्रयास रहेगा कि सरकार फास्ट ट्रैक पर मामला ले जाए. निश्चित तौर पर सजा मिलेगी ताकि लोगों में डर पैदा हो.
भूमाता ब्रिगेड की अध्यक्ष तृप्ति देसाई का बयान छह महीने के अंदर फांसी
मुंबई के साकीनाका इलाके में रेप की शिकार हुई एक महिला की इलाज के दौरान मौत हो गई. जिसके बाद महिला सुरक्षा पर सवाल उठाते हुए भूमाता ब्रिगेड की अध्यक्ष तृप्ति देसाई ने अपनी प्रतिक्रिया दी. जिसमें उन्होंने कहा कि वास्तव में राज्य में क्या हो रहा है? कानून व्यवस्था में क्यों नहीं है. छह महीने के अंदर दोषियों को फांसी पर लटका देना चाहिए और पीड़िता को इंसाफ दिलाना चाहिए. गुस्से में प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि शक्ति अधिनियम को तुरंत लागू किया जाना चाहिए.