मुंबई:यहां की एक विशेष अदालत ने बुधवार को शिवसेना सांसद संजय राउत की न्यायिक हिरासत 14 दिन के लिए और बढ़ा दी. संजय राउत की जमानत याचिका पर पीएमएलए कोर्ट 9 नवंबर को फैसला सुनाएगी. बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मुंबई के गोरेगांव इलाके में पात्रा चॉल के पुनर्विकास में कथित वित्तीय अनियमितताओं के संबंध में राज्यसभा सदस्य राउत (60) को एक अगस्त को गिरफ्तार किया था. ईडी ने पिछले हफ्ते पूरक आरोपपत्र दाखिल किया था, जिसमें राउत को मामले में आरोपी बनाया गया था.
बता दें कि धनशोधन मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तार किए गए शिवसेना सांसद संजय राउत की जमानत याचिका पर इससे पूर्व सुनवाई स्थगित हो गई थी. वहीं, राउत की न्यायिक हिरासत भी बढ़ा दी गई थी. इससे पहले अदालत में राउत राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता एकनाथ खडसे से मिले, जो प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उनके खिलाफ दर्ज धनशोधन मामले के सिलसिले में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए वहां आए थे.
दोनों नेताओं ने संक्षिप्त बात की और इस दौरान राउत को खडसे को यह कहते हुए सुना गया कि वह जल्द ही जेल से बाहर होंगे. राउत के खिलाफ ईडी की जांच पात्रा चॉल के पुनर्विकास में कथित वित्तीय अनियमितताओं और उनकी पत्नी और सहयोगियों से जुड़े वित्तीय लेनदेन से संबंधित है. राउत के वकील अशोक मुंदरगी ने मंगलवार को अपनी प्रत्युत्तर दलीलें पूरी कीं, जिस दौरान उन्होंने अदालत को बताया कि ईडी द्वारा राउत के खिलाफ लगाए गए आरोप 'स्वाभाविक रूप से अविश्वसनीय हैं और उन पर भरोसा नहीं किया जा सकता.'
मुंदरगी ने अदालत को बताया कि कथित लेनदेन साल 2008 से 2012 तक के हैं. उन्होंने कहा, एक दशक हो गया है और आरोप केवल 3.85 करोड़ रुपये का है. ईडी की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने मुंदरगी द्वारा दी गई कुछ नयी दलीलों का विरोध करने के लिए अतिरिक्त समय मांगा.अदालत ने सहमति जताते हुए मामले की अगली सुनवायी 21 अक्टूबर को तय की और राउत की न्यायिक हिरासत तब तक के लिए बढ़ा दी.