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विद्वानों ने संपन्न कराया मुलायम सिंह का शांति यज्ञ, अखिलेश और डिंपल ने कराया ब्राह्मणों को भोज - अखिलेश और डिंपल ने कराया ब्राह्मणों को भोज

मुलायम सिंह यादव के देहावसान के 11वें दिन उनके पैतृक आवास सैफई में शांति पाठ और हवन का कार्यक्रम हुआ. इस मौके पर अखिलेश यादव ने ब्राह्रणों को भोज कराया.

विद्वानों ने संपन्न कराया मुलायम सिंह का शांति यज्ञ
विद्वानों ने संपन्न कराया मुलायम सिंह का शांति यज्ञ

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Published : Oct 21, 2022, 9:19 PM IST

सैफई : 55 वर्ष तक देश की राजनीति में सक्रिय रहकर गरीबों और किसानों की आवाज बनने वाले मुलायम सिंह यादव की आत्मा की शांति के लिए शुक्रवार को उनकी जन्मस्थली सैफई में शांति यज्ञ का आयोजन हुआ, जिसमें वाराणसी, अयोध्या और गायत्री पीठ हरिद्वार के विद्वानों यज्ञ में आहुतियां अर्पित करवाईं. करीब ढाई घंटे तक चले इस शांति यज्ञ में विद्वान आचार्यों ने वेद मंत्रों की ऋचाओं के साथ विशाल हवन कुंड में स्वाहा कराते हवन सामग्री डलवाई. मुलायम सिंह यादव के पुत्र व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, उनकी पत्नी डिंपल यादव तथा नेताजी के परिवार के सदस्यों ने हवन में आहुितयां दीं.

हवन में आहुति देते अखिलेश सहित अन्य.

सैफई मेला प्रबंध समिति के कार्यकारी प्रबंधक वेदव्रत गुप्ता ने बताया कि कार्यक्रम में प्रोफेसर रामगोपाल यादव, राष्ट्रीय महासचिव समाजवादी पार्टी अभय राम सिंह यादव, राजपाल सिंह यादव, शिवपाल सिंह यादव (सभी भाई), पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव, अक्षय यादव, तेज प्रताप सिंह यादव, ब्लॉक प्रमुख मृदुला यादव के अलावा अनुराग यादव, प्रतीक यादव, अभिषेक अंशुल यादव और आदित्य यादव अंकुर तो मौजूद थे ही, अखिलेश यादव के पुत्र अर्जुन यादव, पुत्रियां टीना यादव और अदिति यादव के साथ परिवार की सभी बहुएं और मुलायम सिंह के पौत्र-पौत्रीगण भी शामिल रहे.

गौरतलब है कि नेताजी मुलायम सिंह का 10 अक्टूबर को गुड़गांव के मेदांता हॉस्पिटल में 82 वर्ष की उम्र में निधन हो गया था. उनका अंतिम संस्कार सैफई में 11 अक्टूबर को हुआ था. उनके बेटे अखिलेश यादव ने विधिविधान के साथ ब्राह्मण भोज एवं दान-पुण्य किया. शांति यज्ञ का कार्यक्रम इस वजह से साढ़े ग्यारह बजे आरंभ हो सका. कार्यक्रम अखिलेश जी के घर के सामने विशाल लॉन में आयोजित हुआ, जहां फूलों से सुसज्जित नेताजी का एक चित्र हवन कुंड के ठीक सामने लगाया गया था. सवेरे से ही आसपास और कई जिलों के लोगों का शांति यज्ञ के इस कार्यक्रम में आना शुरू हो गया था.विद्वान आचार्यों ने 10 बजे से ही वेद मंत्रों का उद्घोष शुरू कर दिया था, जब अखिलेश यादव अपने पूरे सैफई परिवार के साथ शांति यज्ञ स्थल पर पहुंचे, तो उनका चेहरा दुख में डूबा हुआ साफ प्रतीत हो रहा था. उन्होंने और उनकी पत्नी ने सभी विद्वान आचार्यों का चरण वंदन किया फिर मंत्रों के साथ घी और हवन सामग्री की आहुतियां डाली.

यज्ञ समापन के बाद उन्होंने सपत्नीक नेताजी के चित्र के समक्ष खड़े होकर काफी समय तक मौन रखा. इसके बाद यज्ञ स्थल की पांच बार सभी परिजनों के साथ परिक्रमा की. इस बाद चित्र के समक्ष काफी देर नतमस्तक बने रहे.नेताजी के शांति यज्ञ कार्यक्रम में भाग लेने बड़ी संख्या में लोग सवेरे से ही सैफई पहुंचना शुरू हो गए थे, जिस स्थान पर शांति यज्ञ हो रहा था, वहां पहुंचने के लिए लोगों ने हर संभव कोशिश की. यज्ञ स्थल इतना बड़ा नहीं था कि वहां दसियों हजार लोग बैठ सकें इसलिए शांति यज्ञ के बाद लोगों ने नेताजी के चित्र के समक्ष कतार बद्ध होकर अपनी पुष्पांजलि अर्पित की. हालांकि भीड़ से बचने के लिए ही पूरे प्रदेश में शांति यज्ञ कार्यक्रम पार्टी कार्यालयों पर रखे गए थे. इस अवसर पर बिहार के पप्पू यादव पहुंचे हुए थे.

पूर्व एमएलसी सुभाष यादव, उदयवीर सिंह, अरविंद यादव के अलावा वर्तमान एमएलसी मुकुल यादव, इटावा के चेयरमैन पति फुरकान अहमद तथा अखिलेश यादव के मामा लाखन सिंह, महाराज सिंह तथा सैफई गांव का हर सदस्य यज्ञ स्थल पर मौजूद रहा. सैफई पीजीआई के अनेक डॉक्टर तथा नेताजी के करीबी कई शख्सियतों ने शांति यज्ञ स्थल पर मौजूद रहकर उन्हें अपनी भावभीनी पुष्पांजलि अर्पित की। शांति यज्ञ के बाद दिन भर नेताजी को श्रद्धांजलि देने वालों का क्रम सैफई में लगा रहा. शुक्रवार को ही किसान नेता राकेश टिकैत सैफई पहुंचे और उन्होंने नेता जी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद पत्रकारों से कहा कि हमने और किसानों ने एक सच्चा हमदर्द खो दिया है. नेताजी की कमी कदापि पूरी नहीं हो सकती. बाद में राकेश टिकैत को भी स्वयं अखिलेश यादव ने अपने हाथों से भोजन परोस कर ब्राह्मणों को भोज कराया.

अपने पिता मुलायम सिंह यादव के शांति यज्ञ संस्कार में शुक्रवार को पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने खुद अपने हाथों परोसकर ब्राह्मणों को भोजन कराया और यथोचित दान दक्षिणा दी. वह अपनी जीवनसंगिनी डिंपल यादव के साथ एक गाय और बछड़े को भी भोजन कराने पहुंचे. उन्होंने अपने मान्य पक्ष के बच्चों तथा कन्याओं को भी खुद अपने हाथों में भोजन परोसकर यह दिखाया कि वह भी आम आदमी हैं.

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