गाजीपुर :गैंगस्टर मामले में गुरुवार को जिले की एमपी-एमएलए कोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को दोषी करार दिया. शुक्रवार को कोर्ट की ओर से सजा का ऐलान किया जाएगा. मामला 2009 में करंडा थाना क्षेत्र में हुए कपिलदेव सिंह हत्याकांड से जुड़ा है. इसी साल मुहम्मदाबाद के मीर हसन ने भी मुख्तार अंसारी पर हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज कराया था. दोनों मामलों को मिलाकर 2010 में गैंगचार्ट बना था. इसके बाद मुख्तारी अंसारी पर गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था. मामले की सुनवाई एमपी-एमएलए कोर्ट में चल रही थी. बहस पूरी होने के बाद कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को दोषी करार दिया.
मुखबिरी के शक में हुई थी कपिल देव सिंह की हत्या :करंडा थाना क्षेत्र के सुआपुर गांव निवासी कपिलदेव सिंह शिक्षक थे. रिटायर होने के बाद वह गांव में ही रहते थे. साल 2009 में पुलिस की ओर से एक दबंग व्यक्ति के घर की कुर्की की कार्रवाई की गई थी. पुलिस को सामानों की लिस्ट बनाने में मदद के अलावा आम गवाह की भी जरूरत थी. पुलिस के बुलाने पर कपिलदेव मौके पर पहुंचे थे. उन्होंने पुलिस का पूरा सहयोग किया. इस घटना के बाद दबंग के परिवार को गलतफहमी हो गई कि कपिलदेव ने मुखबिरी की है. इसके बाद साजिश रचकर कपिलदेव की हत्या कर दी गई. वारदात के दौरान माखिया मुख्तार अंसारी जेल में था. वह वहीं से अपने गैंग को संचालित कर रहा था.