नई दिल्ली : बिहार में सीएम नीतीश कुमार ने पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के मंत्री मुकेश सहनी को मंत्री पद से हटाने की सिफारिश की है. भारतीय जनता पार्टी की मांग के आधार पर सीएम नीतीश कुमार ने राज्यपाल फागू चौहान से मुकेश साहनी को हटाने की सिफारिश की है. भाजपा की दलील है कि मुकेश सहनी अब एनडीए का हिस्सा नहीं रहे. इससे पहले मुकेश सहनी की पार्टी विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के तीन विधायक विधायक राजू सिंह, मिश्री लाल और स्वर्णा सिंह भाजपा में शामिल हो गए थे. विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने तीनों विधायकों के बीजेपी में विलय की मान्यता दे दी है. वीआईपी के अध्यक्ष मुकेश सहनी एमएलसी हैं और अब बिहार के किसी सदन में एकमात्र पार्टी प्रतिनिधि हैं.
भारतीय जनता पार्टी ने मुजफ्फरपुर के बोचहां उपचुनाव में भी कैंडिडेट उतार दिया है. यह सीट विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के विधायक रहे मुसाफिर पासवान के निधन के कारण खाली हुई थी. 2020 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर एनडीए से वीआईपी लड़ी थी, लेकिन उपचुनाव के लिए बीजेपी ने यह सीट वीआईपी को नहीं दी. इस उपचुनाव के लिए 12 अप्रैल को वोटिंग होगी और 16 अप्रैल को नतीजे आएंगे. यहां बीजेपी से बेबी कुमारी (Baby Kumari), वीआईपी से डॉक्टर गीता (Dr. Geeta) और आरजेडी से अमर पासवान (Amar Paswan) प्रत्याशी हैं.
गोवा में एमजीपी नेता की कुर्सी गई थी :ऐसा सिर्फ बिहार में नहीं हुआ है, जहां सहयोगी दल को बीजेपी ने झटका दिया है. 2019 में गोवा में कमोबेश ऐसा ही हुआ था, जब सहयोगी दल महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (MGP) के विधायक बीजेपी में शामिल हो गए थे. इस कारण सरकार में उपमुख्यमंत्री रहे सुदिन धवलिकर को कुर्सी गंवानी पड़ी थी. 2017 के गोवा विधानसभा नतीजों में बीजेपी दूसरे नंबर की पार्टी थी. बीजेपी नेता मनोहर पर्रिकर के कारण बीजेपी एमजीपी और निर्दलीयों का समर्थन हासिल करने में सफल हो गई. भारत सरकार में रक्षा मंत्री का पद त्यागकर मनोहर पर्रिकर गोवा के सीएम बने, जबकि एमजीपी के सुदिन धवलिकर को डिप्टी सीएम बनाए गए. मनोहर पर्रिकर के निधन के बाद प्रमोद सावंत सीएम बने.
तब गोवा में भी शिरोडा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने को लेकर एमजीपी और बीजेपी में खटपट शुरू हुई. उपमुख्यमंत्री सुदीन धवलिकर के भाई दीपक धवलिकर ने शिरोडा विधानसभा क्षेत्र से नॉमिनेशन कर दिया. 27 मार्च 2019 को अचानक एमजीपी के दो विधायक दीपक पौस्कर और मनोहर अजगांवकर बीजेपी में शामिल हो गए. फिर तत्कालीन भाजपा सरकार ने सुदिन धवलिकर को डिप्टी सीएम पद से विदा कर दिया. इसके बाद कांग्रेस के 10 सदस्य भी बीजेपी में शामिल हो गए.
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