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Mughal Garden of Rashtrapati Bhavan: आधिकारिक तौर पर नहीं था इसका यह नाम, बल्कि सिर्फ इस वजह से कहा जाता था मुगल गार्डन - कैसे बना मुगल गार्डन

राष्ट्रपति भवन में स्थित मुगल गार्डन के नाम को बदल कर अमृत उद्यान कर दिया गया है. इस उद्यान का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के द्वारा किया जाएगा. लेकिन क्या आपको राष्ट्रपति भवन में मौजूद इस मुगल गार्डन के इतिहास के बारे में पता है.

Mughal Garden at Rashtrapati Bhavan
राष्ट्रपति भवन स्थित मुगल गार्डन

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Published : Jan 29, 2023, 4:21 PM IST

नई दिल्ली:बहुत से लोगों का यह मानना है कि राष्ट्रपति भवन के बगीचों को आधिकारिक रूप से मुगल गार्डन का नाम दिया गया, लेकिन आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ऐसा नहीं है. उनका यह नाम उनकी वास्तुकला की शैली के कारण दिया गया था. आजादी का अमृत महोत्सव की थीम को ध्यान में रखते हुए शनिवार को राष्ट्रपति भवन के मुगल गार्डन का नाम बदलकर 'अमृत उद्यान' कर दिया गया.

राष्ट्रपति भवन की वेबसाइट के अनुसार, 15 एकड़ में फैला, मुगल गार्डन (अब तत्कालीन) जम्मू और कश्मीर के मुगल गार्डन, ताजमहल के आसपास के बगीचों और भारत और फारस के लघु चित्रों से प्रेरणा लेता है. बता दें कि एडविन लुटियंस ने 1917 में मुगल गार्डन के डिजाइन को अंतिम रूप दिया था, लेकिन केवल 1928-1929 के दौरान ही पौधे लगाए गए थे. बगीचों के लिए उनके सहयोगी बागवानी के निदेशक विलियम मस्टो थे.

जिस तरह राष्ट्रपति भवन की इमारत में वास्तुकला की दो अलग-अलग शैलियां हैं, भारतीय और पश्चिमी, उसी तरह, लुटियंस ने बगीचों के लिए दो अलग-अलग बागवानी परंपराओं को एक साथ लाया - मुगल शैली और अंग्रेजी फूलों का बगीचा. मुगल नहरों, छतों और फूलों की झाड़ियों को यूरोपीय फूलों की क्यारियों, लॉन और निजी हेजेज के साथ खूबसूरती से मिश्रित किया गया है. राष्ट्रपति भवन में मुगल और फारसी उद्यानों से प्रेरित तीन उद्यान हैं.

श्रीनगर के बगीचे से प्रेरित एक को मुगल गार्डन के नाम से जाना जाता है. लेकिन बगीचों को आधिकारिक तौर पर मुगल गार्डन का नाम नहीं दिया गया था, वे वास्तुकला की शैली के कारण जाने जाते थे. शैली फारसी उद्यानों, विशेष रूप से चारबाग संरचना से प्रभावित थी, जिसका उद्देश्य प्रकृति के तत्वों के साथ सद्भाव का प्रतिनिधित्व करना है. विशिष्ट विशेषताओं में बगीचों के अंदर पूल, फव्वारे और नहरें शामिल हैं. अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भारत और पाकिस्तान में कई मुगल उद्यान हैं.

पढ़ें:Mughal Gardens renamed: राष्ट्रपति भवन के 'मुगल गार्डन' का नाम अब 'अमृत उद्यान', जनता के लिए 31 जनवरी से खुलेगा

राष्ट्रपति भवन में अन्य बगीचे

वास्तव में, बाबर ने अपने पसंदीदा प्रकार के बगीचे को चारबाग के रूप में वर्णित किया था. राष्ट्रपति भवन में विभिन्न प्रकार के उद्यान हैं. मूल रूप से, उनमें ईस्ट लॉन, सेंट्रल लॉन, लॉन्ग गार्डन और सर्कुलर गार्डन शामिल थे. हालांकि, पूर्व राष्ट्रपतियों एपीजे अब्दुल कलाम और राम नाथ कोविंद के कार्यकाल के दौरान, अधिक उद्यान विकसित किए गए - जैसे हर्बल- I, हर्बल- II, टैक्टाइल गार्डन, बोनसाई गार्डन और आरोग्य वनम. समय के साथ, राष्ट्रपतियों ने सामाजिक या विकासात्मक कार्यों के लिए अपने तरीके से उद्यानों में योगदान दिया है.

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