हैदराबाद : प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के नाम पर ठगी का खेल जमकर चल रहा है. ठग सबसे पहले मैसेज के माध्यम से अपने शिकार को टारगेट करते हैं. जब एक बार लोग चंगुल में फंस जाते हैं तो उनसे रुपये ऐंठ लिया जाता है. आसानी से घर बैठे फोन से 5 लाख का लोन मिलने की लालच में कई बार लोग हजारों रुपये दे भी देते हैं. इसके अलावा साइबर अपराधियों ने मुद्रा लोन दिलाने के नाम पर ठगी के डिजिटल ऐप लॉन्च कर दिए हैं.
लोन के लिए फिजिकल वेरिफिकेशन जरूरी होता है :अगर आपके पास भी ऐसा मेसेज है तो संदिग्ध लिंक या प्लेटफॉर्म पर अपनी व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें. अगर संभव हो तो इन माध्यमों से लोन लेने का प्लान कैंसल कर दें. ध्यान रखें, किसी भी लोन की प्रक्रिया कभी फोन पर पूरी नहीं होती है. इसके लिए फिजिकल वेरिफिकेशन जरूरी होता है. 2019 में सस्ते दर पर मुद्रा लोन दिलाने के नाम पर फ्रॉड के 2313 केस रजिस्टर्ड किए गए थे. पिछले दो साल में ऐसी ठगी के हजारों मामले सामने आए हैं.
रुपये ऐेठने के बाद मोबाइल नंबर बंद कर देते हैं ठग :प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) के तहत लोन दिलाने के नाम पर जमकर ठगी हो रही है. इस योजना से मिलते-जुलते नाम वाली फर्जी फाइनैंस कंपनियां बनाकर पैसों की धोखाधड़ी की जा रही है. सितंबर 2021 में दिल्ली पुलिस ने प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत लोन दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया था. इस गिरोह के सदस्य लोगों से कम ब्याज पर लोन देने का झांसा देते थे. फॉर्म भरने समेत अलग-अलग शुल्क के नाम पर हजारों की रकम ऐंठकर आरोपी अपने मोबाइल नंबर बंद कर दिया करते थे.
वॉट्सऐप पर बैंक नहीं भेजता है लोन का अप्रूवल लेटर : ट्वीटर पर ठगी की शिकायतों की भरमार है. कई मामलों में ठगों ने फाइनैंस कंपनी का नकली अप्रूवल लेटर साइन, मुहर और कोर्ट एफिडेविट के साथ लोगों को वॉट्स ऐप पर भेज दी. इसके बाद प्रोसेसिंग फीस और अन्य खर्चों के नाम पर हजारों रुपये की डिमांड की गई. फ्रॉड करने वालों ने पैसे देने पर लोन की राशि 15 मिनट के अंदर बैंक अकाउंट में डालने का वादा किया. आपको बता दें कि कोई बैंक या वित्तीय संस्था वॉट्सऐप पर अप्रूवल की कॉपी नहीं भेजती है. अक्सर फ्रॉड करने वाले बड़े वित्तीय संस्थानों के फर्जी लेटरहेड पर लोन अप्रूवल के लेटर भेज देते हैं.
15 मिनट कभी नहीं मिलता है लोन, रेफरेंस आईडी भी जरूरी : लोन के मामलों में ठगी करने वाले अधिकतर फोन, वॉट्सऐप और ई-मेल के जरिये डील करते हैं. वह 15 मिनट में कम समय में अप्रूवल का दावा करते हैं. सच यह है कि कोई भी बैंक या वित्तीय संस्था15 मिनट में कभी भी लोन नहीं देती है. नियम के अनुसार फिजिकल वेरिफिकेशन और डॉक्युमेंट से संबंधित प्रक्रिया को पूरा करना पड़ता है. सभी तरह के लोन के लिए एक रेफेरेंस आईडी मिलती है. लोन मंजूर होने के बाद लोन अकाउंट नंबर दिया जाता है. अगर आपके प्रोसेस में रेफरेंस आईडी और लोन अकाउंट नंबर मिसिंग है तो समझ लें यह फ्रॉड है.