नई दिल्ली: जातीय संघर्षग्रस्त मणिपुर में जमीनी स्थिति का आकलन करने के लिए विपक्षी गुट इंडिया के 21 सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल शनिवार को नई दिल्ली से मणिपुर पहुंचा. विपक्षी सांसदों की टीम 3 मई को पूर्वोत्तर राज्य में हुई जातीय झड़प के पीड़ितों से मिलने के लिए कई राहत शिविरों का दौरा करेगी. सांसद रविवार को मणिपुर की राज्यपाल अनुसुइया उइके से भी मुलाकात करेंगे. सांसद दिल्ली से व्यावसायिक उड़ान से इंफाल पहुंचे.
यहां पहुंचने के बाद प्रतिनिधिमंडल चुराचांदपुर जाएगा, जहां ताजा हिंसा हुई है और वहां राहत शिविरों में कुकी समुदाय के पीड़ितों से मुलाकात करेगा. एक सुरक्षा अधिकारी ने कहा, 'सुरक्षा कारणों से इंफाल से वे एक हेलिकॉप्टर से चुराचांदपुर जाएंगे. दो दिवसीय दौरे पर गए सांसद जातीय हिंसा से प्रभावित राज्य में जमीनी स्थिति का आकलन करेंगे. इस प्रतिनिधिमंडल में लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी भी शामिल हैं. यह प्रतिनिधिमंडल अपने आकलन के अनुसार मणिपुर की समस्याओं के समाधान के लिए सरकार और संसद को सुझाव देगा.
दौरे से पहले, लोकसभा में कांग्रेस के उप नेता गौरव गोगोई ने मणिपुर हिंसा की उच्चतम न्यायालय के किसी सेवानिवृत्त न्यायाधीश से जांच कराने की मांग की. कांग्रेस नेता और राज्यसभा सदस्य सैयद नासिर हुसैन ने एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि 16 दल के सांसद राज्य के हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करेंगे और घाटी एवं पहाड़ी क्षेत्रों में लोगों से मिलेंगे. हुसैन के मुताबिक, सांसद स्थिति का आकलन करने के लिए दोनों जगहों पर दो राहत शिविरों का भी दौरा करेंगे. उन्होंने बताया कि प्रतिनिधिमंडल मणिपुर की राज्यपाल अनुसुइया उइके से भी रविवार को मुलाकात करेगा.
इस प्रतिनिधिमंडल में चौधरी और गोगोई के अलावा तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की सुष्मिता देव, झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) की महुआ माजी, द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) की कनिमोई, राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के जयंत चौधरी, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के मनोज कुमार झा, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी के एन के प्रेमचंद्रन, जनता दल (यूनाइटेड) के राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह एवं अनिल प्रसाद हेगड़े, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के संदोश कुमार और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के ए ए रहीम भी शामिल हैं.
मणिपुर के लिए रवाना होने से पहले कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी ने कहा,'हम वहां राजनीतिक मुद्दे उठाने के लिए नहीं बल्कि मणिपुर के लोगों के दर्द को समझने के लिए जा रहे हैं. हम सरकार से मणिपुर में उभरी संवेदनशील स्थिति का समाधान खोजने की अपील कर रहे हैं. यह कोई कानून-व्यवस्था की स्थिति नहीं है.' लेकिन वहां सांप्रदायिक हिंसा हो रही है. इसका असर उसके पड़ोसी राज्यों पर भी पड़ रहा है. सरकार ने अपनी ज़िम्मेदारी नहीं निभाई है. हम मणिपुर में ज़मीनी स्थिति का आकलन करने जा रहे हैं.'
डीएमके सांसद कनिमोझी ने कहा,'हम मणिपुर के लोगों से मिलने जा रहे हैं और उन्हें बताएंगे कि हम उनके साथ खड़े हैं और हम उनके लिए लड़ रहे हैं. हमने मणिपुर के राज्यपाल से भी मिलने की अनुमति मांगी. हमें उम्मीद है कि मणिपुर पर चर्चा के बाद पीएम संसद में जवाब देंगे.' यह कहना है डीएमके सांसद कनिमोझी का, जो आज मणिपुर का दौरा करने वाले विपक्षी सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा हैं.'
राजद सांसद मनोज झा ने कहा, 'मणिपुर को सुनने की ज़रूरत है. हम मणिपुर के लोगों को सुनने और उनकी स्थिति को समझने की कोशिश कर रहे हैं. हम सभी समुदायों के लोगों को सुनने की कोशिश करेंगे. यह हमारा एकमात्र उद्देश्य है.