नई दिल्ली: संसद का शीतकालीन सत्र (winter session) सोमवार से शुरू होने पर राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने सांसदों से सदन की मर्यादा और कार्यवाही की गंभीरता बनाए रखने को कहा है. सभापति धनखड़ की ओर से जारी अधिसूचना में सभी सांसदों को जय हिंद, वंदे मातरम आदि नारों से बचने का सुझाव दिया गया है. जारी अधिसूचना में कहा गया है, सदन की कार्यवाही की मर्यादा और गंभीरता के लिए आवश्यक है कि सदन में कोई धन्यवाद, जय हिंद, वंदे मातरम या कोई अन्य नारा नहीं लगाया जाना चाहिए.
प्रथा के अनुसार किसी भी सदस्य को सदन में बहस, चर्चा में भाग लेते समय लिखित भाषण नहीं पढ़ना चाहिए. इसलिए सदस्यों से अनुरोध है कि वे लिखित भाषण पढ़ने से बचें. हालाँकि, यदि आवश्यक हो, तो वे नोट्स का उल्लेख कर सकते हैं. अधिसूचना में ऐसा कहा गया है. इसमें आगे कहा गया है कि परिषद में किसी मामले को उठाने के नोटिस को किसी भी सदस्य या अन्य व्यक्ति द्वारा तब तक प्रचारित नहीं किया जाना चाहिए जब तक कि इसे अध्यक्ष द्वारा स्वीकार नहीं किया जाता है और सदस्यों को वितरित नहीं किया जाता है.
धनखड़ द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है कि किसी सदस्य को उसके द्वारा दिए गए नोटिस और सभापति के विचाराधीन होने का मुद्दा परिषद में नहीं उठाना चाहिए. अधिसूचना में संसदीय शिष्टाचार का जिक्र करते हुए कहा गया है कि सदस्यों को आपस में इतनी बातचीत नहीं करनी चाहिए कि सदन की कार्यवाही बाधित हो. ऐसी बातचीत, हालांकि दूर से बहुत सुनाई नहीं देती, चैंबर में विशेष ध्वनि व्यवस्था के कारण अध्यक्ष को काफी परेशानी हो सकती है.