शर्मनाक! सीएम कन्यादान योजना में प्रेग्नेंसी टेस्ट, अपात्र युवतियों की रुकी शादी, कांग्रेस ने बताया अपमान
एमपी में सीएम कन्यादान योजना के तहत हजारों लाखों कन्याओं का विवाह सरकार करा रही है लेकिन अब यह योजना विवादों में आती दिख रही है. डिंडौरी में विवाह से पहले कन्याओं के पंजीयन के दौरान प्रेग्नेंसी टेस्ट कराए जानें को लेकर विवाद की स्थिति खड़ी हो गई है. टेस्ट के बाद कई कन्याओं को सूची से बाहर किए जाने के बाद कांग्रेस ने इसे महिलाओं का अपमान बताया है.
सीएम कन्यादान योजना में प्रेग्नेंसी टेस्ट
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Published : Apr 23, 2023, 8:49 PM IST
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Updated : Apr 24, 2023, 1:06 PM IST
सीएम कन्यादान योजना में प्रेग्नेंसी टेस्ट
डिंडौरी। मध्यप्रदेश के डिंडौरी जिले में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत आयोजित सामूहिक विवाह में लड़कियों की प्रेग्नेंसी टेस्ट कराए जाने का मामला सामने आया है. स्थानीय कांग्रेस विधायक एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री ओमकार मरकाम का आरोप है कि जिला प्रशासन के द्वारा मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में लड़कियों का मेडिकल टेस्ट के नाम पर कौमार्य परीक्षण किए जाने को लेकर ऐतराज जताते हुए प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है. ओमकार मरकाम का कहना है कि यदि सरकार ने मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में कौमार्य परीक्षण करने को लेकर यदि कोई नियम बनाया है तो उसे सार्वजनिक किया जाना चाहिए, साथ ही मरकाम ने कौमार्य परीक्षण को जिले की युवतियों का अपमान बताया है.
कांग्रेस के आरोप को बताया राजनीति: बीजेपी जिलाध्यक्ष अवधराज बिलैया ने प्रदेश सरकार की महत्वाकांछी मुख्यमंत्री कन्यादान योजना को जनहितैषी बतलाते हुए ओमकार मरकाम पर राजनीती करने का आरोप लगाया है. बीजेपी जिलाध्यक्ष प्रेग्नेंसी टेस्ट को जायज ठहराते हुए अजीबोगरीब दलील भी दे रहे हैं. बता दें डिंडौरी जिले के गाड़ासरई कस्बे में जिला प्रशासन के द्वारा मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत 219 जोड़ों का विवाह बड़े ही धूमधाम से कराया गया है लेकिन इस सामूहिक विवाह समारोह में लड़कियों के प्रेग्नेंसी टेस्ट कराए जाने के आरोपों के बाद तरह तरह के सवाल खड़े होने लगे हैं.
टेस्ट के बाद कुछ युवतियों का नहीं हुआ विवाह: मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में शामिल हुई एक महिला ने बताया कि '' मैंने मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में विवाह कराने के लिए फ़ार्म भरा था, जिसके बाद बजाग सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मेरा मेडीकल टेस्ट कराया गया और प्रेग्नेंसी टेस्ट भी किया गया, जिसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद मेरा नाम सूची से हटा दिया गया.'' एक अन्य महिला ने बताया कि '' मुझे मेडीकल टेस्ट के बारे में कुछ भी नहीं बताया गया और मेरा नाम सूची से हटा दिया गया. जबकि मैं पूरी तैयारी के साथ विवाह करने के लिए आयोजन स्थल पर पहुंच गई थीं, लेकिन मेरी शादी नहीं हो पाई. इसको लेकर मैं बेहद नाराज और मायूस हूं.'' ग्राम पंचायत की सरपंच मेदनी मरावी भी मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में लड़कियों के प्रेग्नेंसी टेस्ट कराने को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर रही हैं
BJP ने योजना को बताया जनकल्याणकारी: मुख्यमंत्री कन्यादान योजना को जनकल्याणकारी बतलाते हुए बीजेपी जिलाध्यक्ष ने कांग्रेस विधायक पर राजनीति करने का आरोप लगाया है. साथ ही लड़कियों के मेडिकल टेस्ट के नाम पर किये गए प्रेग्नेंसी टेस्ट को वे एक तरह से जायज ठहराते हुए नजर आ रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारी से जब प्रेग्नेंसी टेस्ट को लेकर सवाल किया गया तो, पहले तो साहब गोलमोल जवाब देते हुए दिखे लेकिन बाद में वो भी प्रेग्नेंसी टेस्ट की बात को न सिर्फ कैमरे पर कबूला बल्कि उनका कहना यह था कि जो उन्हें निर्देश प्राप्त हुए थे उसका पालन किया गया है.