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MP: यूरिया घोटाले पर सीएम के एक्शन के बाद आरोपियों के खिलाफ दर्ज की गई FIR - आवश्यक वस्तु अधिनियम

लार्डगंज पुलिस थाने में एफआईआर कृषक भारती को-ऑपरेटिव लिमिटेड के मार्केटिंग डायरेक्टर राजेन्द्र चौधरी, ट्रांसपोर्टर डीपीएमके फर्टिलाइजर द्वारिका गुप्ता और रैक हैंडलर, स्टेट मैनेजर जयप्रकाश सिंह एवं अन्य के खिलाफ दर्ज कराई गई है. आरोपियों के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा 3, 7 इसके अलावा आईपीसी की धारा 409, 34 एवं 120-बी के तहत मामला दर्ज किया गया है. Mp Urea Scam, cm shivraj in action, 129 ton urea found

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Published : Sep 9, 2022, 11:09 PM IST

जबलपुर।मध्य प्रदेश में सामने आए यूरिया घोटाले में सीएम शिवराज एक्शन में हैं. सीएम के एक्शन के बाद इस मामले में FIR दर्ज की गई है. जिला खाद्य विपणन समिति के अधिकारी रोहित सिंह की तरफ से इस मामले में पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई गई है. लार्डगंज पुलिस थाने में एफआईआर कृषक भारती को-ऑपरेटिव लिमिटेड के मार्केटिंग डायरेक्टर राजेन्द्र चौधरी, ट्रांसपोर्टर डीपीएमके फर्टिलाइजर द्वारिका गुप्ता और रैक हैंडलर, स्टेट मैनेजर जयप्रकाश सिंह एवं अन्य के खिलाफ दर्ज कराई गई है. आरोपियों के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा 3, 7 इसके अलावा आईपीसी की धारा 409, 34 एवं 120-बी के तहत मामला दर्ज किया गया है.

एमपी यूरिया घोटाला

सीएम ने दिए तत्काल कार्रवाई के निर्देश: यूरिका घोटाला सामने आने के बादसीएम ने जबलपुर कमिश्नर, कलेक्टर एसपी को इस मामले में तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए थे. सीएम शिवराज सिंह चौहान ने आज सुबह 7 बजे अपने निवास पर वरिष्ठ अधिकारियों की आपात बैठक बुलाई, जिसमें जबलपुर से भी वीसी के माध्यम से संभाग के आला अधिकारी जुड़े.बैठक में जबलपुर संभाग के जिलों को आवंटित यूरिया के वितरण में गड़बड़ी सामने आने पर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने सख्त तेवर दिखाते हुए किसानों को खाद से वंचित रखने वाले दोषियों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे.उन्होंने दोषियों के खिलाफ तत्काल एफआईआर दर्ज कराकर कर उन्हें गिरफ्तार करने के निर्देश भी दिए.

एमपी यूरिया घोटाला

Jabalpur Fertilizer Scam सीएम की फटकार के बाद गायब 890 में से 130 मीट्रिक टन यूरिया बरामद, अन्य स्टॉक पर सस्पेंस

यह है मामला:जबलपुर पहुंचे 2666 मीट्रिक टन यूरिया के रैक में से 1853 टन यूरिया आवंटित हुआ था. जिसे 70:30 अनुपात के तहत 1853 मीट्रिक टन यूरिया सरकारी एजेंसियों के माध्यम से किसानों को कम दामों पर उपलब्ध कराया जाना था, लेकिन इसमें से 1019 मीट्रिक टन यूरिया किसानों को बांटने के बजाए निजी फर्टिलाइजर सप्लायरों के गोदामों में पहुंच गया था. इस मामले में सीएम की फटकार के बाद लगभग 15 दिन से गायब यूरिया 4 घंटे के भीतर ही खोज निकाला गया. यूरिया की तलाश में शहर में स्थित तमाम निजी गोदामों का निरीक्षण किया गया था. जिसके बाद गायब हुए करोड़ों के यूरिया को खोज निकाला गया. 26 अगस्त को रेलवे का यूरिया से लदा एक रैक जबलपुर पहुँचा था. जिसमें से 1 हज़ार टन यूरिया सिवनी,मंडला, डिंडोरी और दमोह की सहकारी समितियों में जाना था. तभी पता चला कि 890 टन यूरिया गायब है. 3 करोड़ से अधिक का यूरिया ग़ायब होने पर बड़े घोटाले की आशंका जताई गई जिससे पूरे महकमे में हड़कम्प मच गया. सीएम के निर्देशों के बाद की गई कार्रवाई में गायब यूरिया में से 129 टन यूरिया गायत्री वेयरहाउस में मिला.

एमपी यूरिया घोटाला

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