भोपाल।एमपी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच की तकरार दरार बनकर यूपी लोकसभा चुनाव समेत क्या गठबंधन पर भी बड़ा असर डालने वाली है. अखिलेश यादव की नाराजगी तो इसी की तरफ इशारा कर रही है. बात केवल तय हुई 6 सीटों पर समझौते की. बाद में कांग्रेस के उम्मीदवार उतार दिए गए. आग में घी का काम उस बयान ने भी किया जिसमें मीडिया के सामने कमलनाथ ये कहा कि छोड़िए अखिलेश वखिलेश. इस बयान की प्रतिध्वनि लोकसभा चुनाव तक ना सुनी जाए.
कमलनाथ के बयान घातक साबित :बयान कितना और क्या असर डालते हैं, कमलनाथ से बेहतर ये कौन जानता है. सिंधिया के एक बयान पर कमलनाथ का पलटवार था कि फिर सड़क पर उतर आएं सिंधिया. और कमलनाथ की पूरी सरकार सड़क पर आ गई. सवाल सिर्फ मध्यप्रदेश के चुनाव का नहीं है. इसका असर लोकसभा चुनाव में यूपी तक जाएगा. अखिलेश यादव के तेवर ये बता रहे हैं. अखिलेश यादव ने यूपी में बयान दिया है कि जब एमपी में कांग्रेस को सरकार बनानी थी तो सुबह से शाम तक हमारे विधायक ढूंढ रहे थे. मीडिया ने उनसे कमलनाथ के अखिलेश वखिलेश कहने पर भी सवाल किया. और जवाब अखिलेश यादव ने दिया, उसके कई अर्थ निकाले जा सकते हैं. अखिलेश ने कहा कि जिनके नाम में कमल हो वो तो ऐसा कहेंगे ही.
रायबरेली व अमेठी में क्या करेगी कांग्रेस :सवाल ये है कि क्या एमपी में कांग्रेस-सपा एपीसोड के बाद यूपी में रायबरेली और अमेठी की सीट सपा कांग्रेस के लिए छोड़ पाएगी. अखिलेश यादव के कांग्रेस पर हमले बढ़ गए हैं. उन्होंने यूपी के हरदोई में दिए ताज़ा बयान में कहा कि कांग्रेस पार्टी ने जाति जनगणना के आंकडे नहीं दिए. ये चमत्कार है. क्योंकि सबको अहसास हो गया जब तक पिछड़े, दलित, आदिवासी, अल्पसंख्यक भाइयों का साथ नहीं लोगे, कामयाब नहीं होगे. कांग्रेस पार्टी चमत्कार में आ गई. क्योंकि वो जानती है कि वो वोट जो पार्टी ढूंढती थी, वो वोट अब उनके साथ नहीं है.