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MP में ड्राइवर्स की हड़ताल जारी, 10 रुपए किलो का आलू 60 रुपए पहुंचा, बस व ऑटो नहीं चले, यात्री परेशान - फल सब्जियों के दाम बढ़े

MP Truck Drivers Strike: मध्य प्रदेश में ट्रक और बस ड्राइवर्स की हड़ताल दूसरे दिन भी जारी है. हड़ताल के चलते आवश्यक वस्तुओं की किल्लत शुरू हो गई है, जिससे फल-सब्जी और दूध के दामों में बढ़ोत्तरी देखी गई है. प्रदेश में आधिकांश स्कूल बंद रहे और ऑटो-बस के नहीं चलने से यात्री परेशान हैं. पेट्रोल पंपों पर लंबी लाइनें लगी हैं.

MP Truck Drivers Strike
एमपी ट्रक ड्राइवर हड़ताल

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 2, 2024, 1:12 PM IST

Updated : Jan 2, 2024, 1:18 PM IST

MP में ड्राइवर्स की हड़ताल जारी

भोपाल। ट्रक और बस ड्राइवर्स की हड़ताल दूसरे दिन भी जारी है. इसके चलते मध्य प्रदेश में दूध, सब्जी की सप्लाई खासी प्रभावित हुई है. स्कूल वैन बंद होने से राजधानी भोपाल के अधिकांश स्कूलों में छुट्टी घोषित कर दी गई, जिन स्कूलों में छुट्टी नहीं दी गई, उनमें गिने-चुने बच्चे ही पहुंचे. हड़ताल को देखते हुए सुबह से ही पेट्रोल पंप पर पेट्रोल-डीजल भरवाने के लिए वाहनों की लाइनें लग गईं. इसको देखते हुए शहर के कुछ पेट्रोल पंप ने मुनाफाखोरी शुरू कर दी. निर्धारित राशि से ज्यादा पेट्रोल पंप संचालकों ने वसूला. उधर, एक दिन में ही सब्जियों के दाम दोगुने से ज्यादा पहुंच गए.

एक दिन में ही दोगुने भाव में पहुंची सब्जी:उधर, हड़ताल का सबसे ज्यादा असर सब्जियों पर दिखाई दिया. आसपास के शहरों से मंडियों में सब्जियां नहीं पहुंची, इसकी वजह से एक दिन की हड़ताल में ही सब्जियों के दाम दोगुने से ज्यादा हो गए. थोक सब्जी व्यापारी रामस्वरूप ने बताया कि सब्जी मंडी में सिर्फ स्थानीय किसान ही पहुंचे, जबकि अधिकांश सब्जी आसपास के जिलों से आती थी, लेकिन हड़ताल की वजह से बाहरी किसान अपनी सब्जी लेकर नहीं आ सके. इसकी वजह से सब्जियों के दाम दोगुने हो गये हैं. एक दिन पहले तक थोक में बिकने वाले आलू की कीमत 10 रुपए से बढ़कर 40 रुपए किलो हो गई है, यही आलू शहर के बाजार में 60 रुपए किलो में बिक रहा है. वहीं, टमाटर भी 50 रुपए किलो बिका.

फल सब्जियों के दाम बढ़े

सब्जियों के नये भाव :

  • आलू - 60 रुपए किलो
  • टमाटर - 60 रुपए किलो
  • गोभी - 70 रुपए किलो
  • लौकी - 65 रुपए किलो
  • मटर - 80 रुपए किलो
  • धनिया - 40 रुपए की 100 ग्राम
  • मिर्च - 30 रुपए की 100 ग्राम

थमे रहे बसों के पहिए... :बस और ट्रकों की हड़ताल का सबसे ज्यादा असर सार्वजनिक परिवहन पर दिखाई दिया. हड़ताल के चलते प्रदेश में बसों के पहिए थमे रहे. भोपाल के इंटर स्टेट बस टर्मिनल से किसी भी शहर के लिए बस रवाना नहीं हुई. बसें बंद होने से यात्री बस स्टेंड पर भटकते रहे. मजबूरन उन्हें घर वापस लौटना पड़ा. सबसे ज्यादा समस्या उन यात्रियों को आई, जो दूसरे शहरों में पहुंचे थे. उन्हें वापस लौटने के लिए कोई साधन ही नहीं मिला. भोपाल से इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, सागर, छतरपुर, पुणे, छिंदवाडा, नागपुर सहित सभी रूट की बसें बंद हैं. हड़ताल के दूसरे दिन एक भी सूत्र सेवा, चार्टर्ड और रेड बसें भोपाल से रवाना नहीं हुई.

एमपी ट्रक ड्राइवर हड़ताल, यात्री परेशान

शहरों में नहीं चल रही सिटी बसें और ऑटो :लंबी दूरी की बसें ही नहीं, बल्कि शहरों में भी लो फ्लोर बसें नहीं चलीं. हालांकि सार्वजनिक परिवहन को बहाल करने के लिए बीसीएलएल ने ड्राइवर्स को ड्यूटी पर आने और बसें चलाने के लिए फोन किया, लेकिन कोई भी ड्राइवर ड्यूटी पर नहीं आया, इसके चलते बसें नहीं चल सकीं. उधर ऑटो, कैब ड्राइवर्स ने भी हड़ताल का समर्थन किया है, इससे शहरों में ऑटो के भी पहिए थमे रहे. शहर में करीबन 4 हजार से ज्यादा ऑटो चलते हैं, जबकि कैब की संख्या करीबन ढाई हजार है.

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सुबह से लगी पेट्रोल पंप पर लाइनें :बस, ऑटो और कैब बंद होने से सुबह ऑफिस के लिए निकले लोगों को खासी परेशानी उठानी पड़ी. बसें और ऑटो बंद होने से लोगों को मजबूरन अपनी गाड़ियां निकालनी पड़ी, लेकिन पेट्रोल पंप पर जब वे पेट्रोल-डीजल भरवाने पहुंचे तो वहां लंबी कतारों से उन्हें जूझना पड़ा. मंगलवार को भी सुबह से ही पेट्रोल पंप पर वाहनों की लंबी लाइनें लग गई. शहर के कई पेट्रोल पंप पर पेट्रोल और डीजल की किल्लत देखी गई, हालांकि प्रशासन का दावा है कि कोई भी पेट्रोल पंप फ्यूल की कमी की वजह से बंद नहीं हुआ है. प्रशासन द्वारा पुलिस की निगरानी में पेट्रोल-डीजल के टैंकों को पेट्रोल पंपों तक पहुंचाया गया.

कई स्कूल बंद, जो खुले उनमें गिने-चुने बच्चे पहुंचे:हड़ताल के चलते स्कूल वैन और बसें भी नहीं चलीं. हालांकि, इसको देखते हुए भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर सहित अन्य शहरों के अधिकांश प्राइवेट स्कूलों में छुट्टी घोषित कर दी गई. जो स्कूल खुले उनमें गिने-चुने बच्चे ही पहुंचे. कई स्कूलों ने ऑनलाइन क्लासेस लगाई. मध्य प्रदेश स्कूल बस सेवा संचालक समिति के अध्यक्ष शिवकुमार सोनी के मुताबिक- "मंगलवार को स्कूल बस और वैन बंद की गई. प्रदेश में स्कूलों में सवा लाख से ज्यादा बस और वैन सेवाएं देती हैं."

जानिए क्यों हड़ताल पर गए ड्राइवर्स :मध्य प्रदेश सहित देश भर में बस ड्राइवर्स की हड़ताल केन्द्र की मोदी सरकार द्वारा किए गए हिट एंड रन कानून में संशोधन के विरोध में है. केन्द्र सरकार हिट एंड रन के नए कानून को लेकर आई है. इसमें वाहन चलाने वाले ड्राइवरों को अधिकतम 10 साल की सजा के साथ 7 लाख रुपए जुर्माने का प्रावधान किया गया है.

इस कानून में दो प्रावधान किए गए हैं :

पहला- यदि किसी ड्राइवर की वजह से दुर्घटना में किसी व्यक्ति की मौत होती है तो वह गैर इरादतन हत्या नहीं है, ऐसे में ड्राइवर्स को अधिकतम 5 साल की जेल के साथ जुर्माना भरना होगा.

दूसरा- यदि किसी ड्राइवर की लापरवाही की वजह से किसी की मौत होती है और दुर्घटना के बाद ड्राइवर मौके से भाग जाता है, तो वह घटना के बाद पुलिस को इसकी सूचना नहीं देता तो उसे 10 साल की सजा और 7 लाख का जुर्माना भरना होगा.
हालांकि, इसके पहले के हिट एंड रन कानून में ड्राइवर की थाने से ही जमानत हो जाती थी, उसमें अधिकतम 2 साल की सजा का प्रावधान है.

Last Updated : Jan 2, 2024, 1:18 PM IST

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