भोपाल।उत्तर प्रदेश के बाद मध्यप्रदेश में भी गुपचुप तरीके से चल रहे मदरसों को बंद कराने की प्रक्रिया चल रही है. पिछले एक साल के दौरान राजधानी भोपाल में ही 48 मदरसों को बंद कराया जा चुका है, जबकि 52 अन्य को बंद कराने की तैयारी है. सरकार अनुदान प्राप्त इन मदरसों में निरीक्षण के दौरान कई कमियां मिली थीं. राजधानी भोपाल में सरकारी अनुदान से चलने वाले मदरसों की संख्या 468 है, जबकि बताया जा रहा है कि इससे कहीं ज्यादा संख्या में गैर अनुदान प्राप्त मदरसे हैं.
बाल आयोग के निरीक्षण में मिली थी खामियां:मध्यप्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा पिछले दिनों प्रदेश के कई मदरसों का निरीक्षण किया था. इस दौरान राजधानी भोपाल में 4 मदरसे अवैध रूप से संचालित होते हुए पाए गए. वहीं सरकारी अनुदान प्राप्त कई मदरसों में भी शैक्षणिक गतिविधियों की व्यवस्थाएं गुणवत्तापूर्ण नहीं पाई गईं. कई मदरसे सिर्फ एक-एक कमरे में चल रहे थे. ऐसे करीब 48 मदरसों के अनुदान को रोक दिया गया है. जबकि 50 से ज्यादा मदरसों पर और ऐसी ही कार्रवाई की तैयारी की जा रही है. जांच में पता चला है कि कई मदरसों में दूसरे राज्यों तक के स्टूडेंट्स पढ़ने के लिए आ रहे हैं. मध्यप्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य बृजेश चैहान के मुताबिक मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों को दीनी तामील के साथ नियमित स्कूली पाठ्यक्रम भी पढ़ाया जाना चाहिए. जांच में कई मदरसों में नियमों का उल्लंघन पाया गया है.
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