दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

बुंदेलखंड में स्थित है कर्क रेखा पर स्थित देश का इकलौता 'सूर्य मंदिर', छठ पर्व पर मंदिर में होती है विशेष पूजा

Sagar Historic Surya Mandir: हिंदू धर्म में छठ पूजा का बहुत अधिक महत्व है. छट पर सूर्य देव की उपासना की जाती है. वैसे तो यहा पर्व मुख्य रूप से बिहार उत्तर प्रदेश में मनाया जाता है. लेकिन सागर के बुंदेलखंड में भी छट का विशेष महत्व है. दरअसल सागर जिले के रहली में स्थित सूर्य मंदिर की. यह कर्क रेखा पर मौजूद देश का एकमात्र सूर्य मंदिर है. छट पर्व पर यहां विशेष पूजा की जाती है.

Special puja on Chhath Puja
रहली में है भगवान सूर्य का मंदिर

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 16, 2023, 8:18 AM IST

Updated : Nov 16, 2023, 10:08 AM IST

रहली में है भगवान सूर्य का मंदिर

सागर।सूर्य उपासना के पर्व छठ पूजन की बात करें तो खासकर उत्तर प्रदेश और बिहार में छठ पर्व की धूम निराली होती है. हालांकि देश के दूसरे अंचल में रहने वाले यूपी और बिहार के लोग बड़े धूमधाम से छठ मानते हैं. ऐसे में छठ पूजन की छटा पूरे देश में देखने मिलती है. जहां तक मध्य प्रदेश की बात करें, तो मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड में भगवान सूर्य के कई मंदिर हैं. लेकिन रहली नगर में स्थित भगवान सूर्य का मंदिर करीब 1100 साल पुराना मंदिर है.

रहली में है भगवान सूर्य का मंदिर

कर्क रेखा पर स्थित देश का एकमात्र सूर्य मंदिर:सूर्य उपासना के लिहाज से सूर्य मंदिर का विशेष महत्व इसलिए है, क्योंकि ये कर्क रेखा पर स्थित देश का एकमात्र सूर्य मंदिर है और पूर्वाभिमुख है. सूर्योदय के साथ पहली किरण सूर्य मंदिर पर पड़ती है. रहली के सूर्य मंदिर में स्थापित भगवान सूर्य सात घोड़े पर सवार हैं और उनकी दो पत्नियों भी मूर्ति में साथ हैं. मध्य प्रदेश सरकार के पुरातत्व विभाग ने राज्य संरक्षित स्मारक घोषित किया है.

सूर्य मंदिर की खासियत

कहां स्थित है सूर्य मंदिर:मध्य प्रदेश सरकार के पुरातत्व विभाग द्वारा राज्य संरक्षित स्मारक के रूप में रहली का सूर्य मंदिर विशेष महत्व रखता है. पुरातत्व विभाग की जानकारी के अनुसार ''मूर्ति कला की दृष्टि से ये मंदिर दसवीं शताब्दी का है और मंदिर ध्वस्त हो जाने के कारण 18वीं शताब्दी में तत्कालीन सरदारों ने मंदिर का पुनर्निर्माण कराया था. मंदिर के गर्भ गृह में भगवान सूर्य की विशाल और भव्य प्रतिमा स्थापित है. भगवान सूर्य की प्रतिमा पूर्वाभिमुख है. मंदिर की प्रवेश द्वार और बाहरी दीवार पर वैष्णव से नवग्रह और देवी देवताओं की प्रतिमा स्थापित है.''

मंदिर में ब्रह्मा विष्णु महेश की त्रिमूर्ति विराजमान हैं

Also Read:

क्यों खास है रहली का सूर्य मंदिर:शासकीय कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय के इतिहास विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. भरत शुक्ला बताते हैं कि ''रहली का सूर्य मंदिर 1100 साल पुराना है. चंदेल कालीन राजाओं ने इसका निर्माण कराया था. मंदिर की सबसे बड़ी खासियत है कि ये कर्करेखा पर स्थित इकलौता सूर्य मंदिर है और पूर्व मुखी है. सूर्योदय के समय सूर्य की सीधी किरणें मंदिर पर पड़ती हैं. रहली से निकलने वाली सुनार और देहार नदी के संगम पर मंदिर स्थित है.''

छट पर मंदिर में विशेष पूजा होती है

शहतीर कला का नमूना सूर्य मंदिर:डॉ. भरत शुक्ला ने बताया कि ''ये मंदिर शहतीर कला का नमूना है. भगवान सूर्य सात घोड़े के रथ पर विराजमान हैं. रथ के साथ घोड़े साथ वर्णों का प्रतीक है. यहां पर भगवान सूर्य देव की दो पत्नियां अगल-बगल विराजमान हैं. साथ में एक तरफ कुबेर और एक तरफ महाश्वेता देवी भी स्थापित हैं. इसके अलावा मंदिर में ब्रह्मा, विष्णु, महेश की त्रिमूर्ति भी विराजमान हैं. कर्क रेखा पर स्थित होने और पूर्व मुखी होने के कारण छठ पूजा के लिए मंदिर का विशेष महत्व है.''

Last Updated : Nov 16, 2023, 10:08 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details