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MP Bio CNG Plant: कटघरे में बायो सीएनजी की गुणवत्ता, प्लांट से निकली गैस से खटारा हुईं बसें

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Published : Jun 30, 2023, 11:42 AM IST

Updated : Jun 30, 2023, 1:55 PM IST

MP Bio CNG Plant: इंदौर में बने देश के सबसे बड़े बायोमीथेन प्लांट की गुणवत्ता पर सवाल खड़े हो रहे हैं. इस प्लांट से सीएनजी गैस का उत्पादन होता है. इंदौर नगर निगम का दावा था कि इससे 400 बसों का संचालन किया जा रहा है. लेकिन हुआ ये कि साल भर के भीतर ही इस प्लांट में तैयार हुई सीएनजी के इस्तेमाल से बसें खटारा हो गईं. बस ऑपरेटरों ने इसकी शिकायत नगर निगम कमिश्नर से की. अब इसकी जांच के लिए कमेटी बनाई गई है.

asias largest bio cng plant in indore
बायो सीएनजी प्लांट

प्लांट से निकली गैस से खटारा हुईं बसें

इंदौर। देश के सबसे स्वच्छ शहर में बायो CNG बनाकर बसें चलाने वाले इंदौर नगर निगम की बसों को प्लांट में बनी सीएनजी रास नहीं आ रही है. दरअसल जो CNG यहां गीले कचरे से तैयार की जा रही है वह प्राकृतिक CNG से अलग होने और गुणवत्तापूर्ण नहीं होने के कारण बसों को समय से पहले खटारा बनाने का जरिया साबित हो रही है. हाल ही में इन बसों को चलाने वाले ऑपरेटरों ने यह स्थिति निगम प्रशासन को बताई तो यह मामला उजागर हुआ. अब इस मामले में बायो सीएनजी प्लांट के बस ऑपरेटर और इंजीनियरों का 4 सदस्य दल गठित किया गया है, जो बायो सीएनजी की गुणवत्ता से लेकर बसों में हो रहे नुकसान की पड़ताल करेगा.

एशिया का सबसे बड़ा सीएनजी प्लांट है इंदौर में

फरवरी 2022 में पीएम ने किया था उद्घाटन: दरअसल इंदौर में गीले कचरे से बायो CNG गैस बनाने वाले गोवर्धन प्लांट का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते साल फरवरी में किया था. करीब 150 करोड़ की लागत से तैयार इंदौर के देवगुराडिया स्थित प्लांट में साढे 500 मेट्रिक टन गीले कचरे के डिस्पोजल से 17500 किलो बायो सीएनजी और 100 मेट्रिक टन कंपोस्ट खाद बनाना शुरू किया गया था. यहां बनने वाली सीएनजी गैस से शहर की 400 से अधिक बसें चलाने की तैयारी की गई थी. इसके अलावा शेष बची सीएनजी शहर वासियों को भी सप्लाई करने की व्यवस्था है.

CNG प्लांट की खूबियां

तकनीकी खामी का शिकार बसें:इधर बायो सीएनजी से इंदौर नगर निगम द्वारा जो बसे शहर के विभिन्न रूटों पर चलाई जा रही हैं वह साल भर में ही किसी ना किसी मेकेनिकल और तकनीकी खामी का शिकार हो रही हैं. इन्हें चलाने वाले ऑपरेटर दबी जुबान में बताते हैं कि ''जो बायो सीएनजी गैस बसों के लिए उपयोग की जा रही है वह बसों के फिल्टर और इंजन के हिसाब से कम उपयुक्त है. नतीजतन बसे न तो अपनी क्षमता के मुताबिक कार्य कर पा रही हैं ना ही ड्राइविंग में बेहतर परफॉर्म कर पा रही हैं. इसके अलावा बार-बार खराब होने की परेशानी लगातार सामने आ रही है जबकि यही बसें प्राकृतिक सीएनजी से ठीक तरीके से चल पा रही हैं.''

बायोमीथेन प्लांट की गुणवत्ता पर सवाल

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जांच दल गठित: इस मामले की शिकायत नगर निगम के बस ऑपरेटरों द्वारा हाल ही में प्रशासन को बताई गई तो यह मामला सामने आया. देश के सबसे बड़े बायो सीएनजी प्लांट की गैस पर उंगलियां उठने से आशंकित नगर निगम प्रशासन ने तत्काल इस मामले में अब चार लोगों की समिति गठित की है. इसमें बस ऑपरेटर के अलावा बायो सीएनजी प्लांट में गैस तैयार करने वाली इंजीनियरों की टीम, बसें तैयार करने वाली कंपनी और इंदौर के आईडी प्रोफेसर पूरे मामले की पड़ताल करेंगे.

बायो सीएनजी प्लांट

शिकायत पर लाइव पड़ताल होगी:इंदौर नगर निगम आयुक्त हर्षिका सिंह के मुताबिक ''4 सदस्यों का यह दल अब बायो सीएनजी प्लांट की गैस से बस चलाने का लाइव डेमो स्टेशन के जरिए पूरे मामले की पड़ताल करेगा. इस मामले में यह देखा जाएगा कि बायो सीएनजी गैस का प्राकृतिक कंपोनेंट अथवा स्वरूप क्या है और उसका एग्जैक्ट प्रिपरेशन का क्या स्वरूप है. इसके अलावा ऑपरेटरों द्वारा की गई शिकायत पर लाइव पड़ताल होगी जिससे कि इस पूरे मामले की वजह सामने आ सके.'' इधर बस ऑपरेटरों द्वारा उपयोग में लाई गई कई बसें अब बेकार हो चुकी हैं. वहीं बसों की सप्लाई करने वाली कंपनी भी इस मामले में अब खुद भी पड़ताल करने को तैयार है.

Last Updated : Jun 30, 2023, 1:55 PM IST

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