भोपाल। कई दूसरे देशों की तरह अब मध्यप्रदेश में भी मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई अपनी मातृभाषा हिंदी में होगी. एमपी के 97 डॉक्टरों की टीम ने 4 महीने में मेहनत करके अंग्रेजी की किताबों का हिन्दी में अनुवाद किया है. रविवार को भोपाल के लाल परेड ग्राउंड में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह इन किताबों का उद्घाटन करेंगे. वहीं राज्य सरकार भी इस नए प्रयोग को लेकर रोमांचित है. सरकार के इस नय प्रयोग का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सीएम शिवराज और उनके सभी मंत्री, विधायक सहित बीजेपी के नेताओं ने सोशल मीडिया अकाउंट पर डीपी व कवर फ़ोटो बदला है. पहली बार ऐसी अनूठी पहल को लेकर प्रदेश के युवाओं में काफी उत्साह का माहौल है. (mp project mandar) (Medical studies in Hindi) (Engineering studies in Hindi)
शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति :अंग्रेजी की बाध्यता के चलते हमारे ग्रामीण एवं अनुसूचित वर्ग से आने वाले छात्र मेडिकल की पढ़ाई में पीछे रह जाते हैं. कई प्रतिभाशाली छात्र-छात्राएं भी पिछड़ जाते थे. इन बातों को ध्यान में रखते हुए शिवराज सरकार मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई हिंदी में शुरू कराने जा रही है. भोपाल के लाल परेड ग्राउंड पर केंद्रीय गृह मंत्री की उपस्थिति में यह कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा. दोपहर 12 बजे गृहमंत्री लाल परेड ग्राउंड पहुंचेंगे. जहां वे हिंदी में एमबीबीएस की पढ़ाई की किताबों का विमोचन करेंगे. इसको लेकर पूरी तैयारियां कर ली गई है. वही 50,000 से अधिक मेडिकल स्टूडेंट्स इस कार्यक्रम में शामिल होंगे. चिकित्सा शिक्षा विभाग ने इन किताबों के लिए स्पेशल वॉर रूम मंदार का निर्माण किया गया है.
मंदार रखा गया प्रोजक्ट का दिया:चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग के मुताबिक प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों के प्रोफेसर और हिन्दी के जानकारों ने MBBS फर्स्ट ईयर की किताबों का ट्रांसलेटेड वर्जन तैयार किया है. इस प्रोजेक्ट को मंदार नाम दिया गया है. मंदार नाम रखने के पीछे ये विचार था कि जिस प्रकार समुद्र मंथन में मंदार पर्वत के सहारे अमृत निकाला गया था. उसी तरह से मंदार में शामिल डॉक्टरों और विशेषज्ञों ने विचार मंथन करके किताबों का अनुवाद निकाला है. मंत्री ने खुशी जताते हुए कहा है कि दुनिया के उन देशों में अब भारत भी शामिल हो गया है, जो अपनी मातृभाषा में मेडिकल की पढ़ाई कराएगा.