छिंदवाड़ा। मध्य प्रदेश में प्रचंड बहुमत मिलने के बाद मुख्यमंत्री के नाम को लेकर पार्टी में उथल-पुथल मची हुई है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से लेकर प्रहलाद पटेल, कैलाश विजयवर्गीय CM पद की रेस में हैं. कमलनाथ के गढ़ में कमल खिलाने की जिम्मेदारी प्रहलाद पटेल को दी गई थी लेकिन सभी सीट बीजेपी हार गई. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इसी बीच छिंदवाड़ा में जनता का आभार जताने पहुंचे रहे हैं. इसे राजनीतिक स्ट्रेटजी भी कहा जा रहा है.
प्रहलाद पटेल के जिम्मे था छिंदवाड़ा, बुरी तरह से हारे:मध्य प्रदेश में भाजपा ने प्रचंड बहुमत से जीत दर्ज की है. इसके पीछे का कारण लाडली बहना स्कीम बताई जा रही है. लेकिन इसके बाद भी छिंदवाड़ा की सातों सीट बीजेपी हार गई. कमलनाथ के जिले में बीजेपी की कोई भी स्कीम काम नहीं आई जबकि छिंदवाड़ा जिले में चुनाव जीतने की जिम्मेदारी प्रहलाद पटेल को दी गई थी. प्रहलाद पटेल 2004 में भी लोकसभा का चुनाव कमलनाथ के विरोध में लड़ चुके हैं उसे दौरान वे चुनाव हार गए थे.
रमेश दुबे भी हार गए चुनाव:राजनीतिक जानकारों का मानना है कि शिवराज सिंह चौहान छिंदवाड़ा में आकर आलाकमान को संदेश देना चाहते हैं कि मेरी मेहनत से पूरा मध्य प्रदेश जीता है. लेकिन प्रहलाद पटेल छिंदवाड़ा की एक भी सीट चुनाव में नहीं जीत पाए. यहां तक की छिंदवाड़ा जिले की लोधी बाहुल्य चौरई विधानसभा में एन वक्त पर पूर्व विधायक पंडित रमेश दुबे की टिकट काटकर लोधी प्रत्याशी को प्रहलाद पटेल ने अपने कोटे से टिकट दिलाई थी वो भी चुनाव हार गए.