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MP: प्रसव पीड़ा से कराहती रही महिला, नहीं मिली एंबुलेंस तो हाथ ठेले पर अस्पताल लेकर पहुंचा पति - पत्नी को हाथ ठेले पर दमोह अस्पताल लेकर पहुंचा पति

दमोह में स्वास्थय व्यवस्था एक बार फिर उजागर हुई है, दरअसल एक महिला प्रसव पीड़ा से कराहती रही लेकिन जननी एक्सप्रेस उस तक नहीं पहुंच पाई, इसके बाद पति ने हाथ ठेले पर लिटाकर पत्नी को अस्पताल पहुंचाया. Damoh Woman On Handcart, MP Poor Health Service

HUSBAND TOOK WIFE TO HOSPITAL WITH HANDCART
पत्नी को हाथ ठेले पर दमोह अस्पताल लेकर पहुंचा पति

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Published : Aug 30, 2022, 10:46 PM IST

दमोह। जननी सुरक्षा एंबुलेंस न मिलने के कारण एक युवक अपनी पत्नी को हाथ ठेले पर अस्पताल लेकर पहुंचा, वहां पर भी उसे कोई मदद नहीं मिली. जिसके बाद उसे हटा और हटा के बाद दमोह रेफर कर दिया गया. यह मामला रनेह आरोग्य केंद्र का है.

पत्नी को हाथ ठेले पर दमोह अस्पताल लेकर पहुंचा पति

नहीं आई जननी एक्सप्रेस:मध्यप्रदेश में बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के दावे दमोह जिले में आकर अक्सर दम तोड़ देते हैं, ताजा मामला जिले के रनेह क्षेत्र का है. यहां एक युवक अपनी पत्नी को हाथ ठेला पर लिटा कर स्वास्थ्य केंद्र पहुंचा, लेकिन उसे वहां भी कोई मदद नहीं मिली. बताया जाता है कि कैलाश अहिरवार की पत्नी काजल को प्रसव पीड़ा होने पर उसे लोगों ने अस्पताल ले जाने की सलाह दी, लेकिन बार-बार फोन करने के बाद भी उसे जननी सुरक्षा के तहत एंबुलेंस नहीं मिली. इसके बाद उसने सब्जी वाले हाथ ठेला पर अपनी पत्नी को लिटाया और आनन-फानन में रनेह के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर गया, वहां पर डॉक्टरों ने उसे हटा ले जाने की सलाह दी. बार-बार फोन लगाने के बाद भी उसे वहां पर भी जननी एंबुलेंस नहीं मिली. Damoh Woman On Handcart

Poor Health Service: MP में स्वास्‍थ्य सेवाओं का हाल बेहाल, नहीं मिली एंबुलेंस तो ठेले पर लेकर पहुंचे अस्पताल

महिला को दमोह में मिला इलाज:बाद में करीब 2 घंटे के इंतजार के बाद युवक को किसी तरह 108 एंबुलेंस से अपनी पत्नी को लेकर हटा पहुंचा, लेकिन वहां जाकर भी उसे निराशा ही हाथ लगी. हटा में भी डॉक्टर ने प्रसव कराने से हाथ खड़े कर दिए, आखिर में पति अपनी पत्नी को दमोह लेकर आया, जहां पर उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है. हालांकि यह पहला मामला नहीं है, इसके पहले भी ऐसे कई केस आ चुके हैं जहां पर मरीजों को या तो खटिया पर लिटाकर अस्पताल ले जाया गया या फिर हाथ ठेला पर. इन सब मामलों के उजागर होने के बाद भी स्वास्थ्य सेवाओं में कोई सुधार होता नजर नहीं आ रहा है. MP Poor Health Service

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