भोपाल। मध्य प्रदेश में अगर नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद से दावों में दम है तो हाथ कंगन को आरसी क्या के अंदाज में वो बयान से आगे क्यों नहीं बढ़ पा रहे हैं. (MP Politics CD Case) इस मामले में जवाबी हमले कर रही सरकार के हाथ किसने बांधे हैं. क्या चुनावी साल में इस सीडी कांड का क्लाईमैक्स आ पाएगा. क्या चुनावी साल में सीडी बाहर आ जाएगी या फिर सभी के लिए यह सीडी चुनाव में सीढ़ी का काम करेगी. हालांकि, सवाल यह भी उठ रहे हैं जब सांच को आंच नहीं तो बीजेपी क्यों नहीं कराती जांच. मामले में अब पार्टी के नए धुरंधर यानि ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) ने भी एंट्री मार ली. पहली बार उन्होने इस विवादित CD Scandal मामले में बयान दिया. सुने उन्होने क्या कहा.
कहां से फिर सुलग उठा सीडी कांड:असल में हनी ट्रैप मामले की जांच के साथ नेताओं अफसरों की पेन ड्राइव भी ठंडे बस्ते में जा चुकी थी, लेकिन नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह ने चुनावी साल लगते ही एक बयान देकर उस पूरे मामले को फिर सुलगा दिया. गोविंद सिंह ने बयान दिया कि उनके पास बीजेपी और आरएसएस के नेताओं की सीडी है. उन्होंने प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष वीडी शर्मा को सीडी दिखाने घर आने का न्यौता भी दिया था. गोविंद सिंह के इस बयान के साथ ही बीते तीन साल से ठंडा पड़ा हनी ट्रैप का जिन्न फिर बाहर आ गया.
कमलनाथ ने बढ़ाया सियासी तापमान: डॉ गोविंद सिंह ने चुनावी साल में सीडी के खुलासे के साथ जो इस मामले को हवा दी उनके बाद कमलनाथ के बयान से तो सियासी तापमान और भी बढ़ गया. कमलनाथ ने सतना में जो बयान दिया है. मध्यप्रदेश की सियासत को हिला देने वाला है. उन्होंने कहा कि, उन्होंने सीडी देखी है और इसमें बीजेपी के नेता थे. लिहाजा एमपी को बदनामी से बचाने के लिए उन्होंने सीडी को सार्वजनिक करने के बजाए इसकी जांच कराने के निर्देश दे दिए थे.
सीडी का सच:असल में ये पूरा मामला 2019 का है. जब कमलनाथ सरकार के दौर में हनी ट्रैप मामला उजागर हुआ था. तब कहा गया था कि ये मामला अगर पूरी तरह से उजागर हो गया तो बीजेपी सरकार के एक तत्कालीन सांसद समेत बीजेपी के मौजूदा मंत्री पूर्व मंत्री और कुछ अफसरों की करतूतें बाहर आ जाएंगी. इंदौर नगर निगम में इंजीनियर रहे हरभजन सिंह ने जब इसी मामले में उनके साथ हुई ब्लैकमेलिंग की शिकायत दर्ज कराई उसी के बाद से हनी ट्रैप की बाकी परतें भी खुलना शुरु हुई.