ग्वालियर।इन दोनों मध्य प्रदेश में बीजेपी के द्वारा जारी हो रही उम्मीदवारों की सूची को लेकर सियासी घमासान मचा हुआ है. बीजेपी की दूसरी सूची ने आम लोगों को इतना नहीं चौंकाया, जितना बीजेपी के दिग्गज नेताओं से लेकर पार्टी के जमीनी कार्यकर्ताओं तक को चौंका दिया है. ग्वालियर अंचल के पार्टी के सबसे बड़े राष्ट्रीय नेता और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर को उनके संसदीय क्षेत्र की दिमनी सीट से टिकिट की घोषणा के बाद से बीजेपी में सन्नाटा पसर गया है, लेकिन पार्टी की रणनीति देखकर ऐसा लग रहा कि इस बार पार्टी सभी बड़े नेताओं को विधानसभा के मैदान में उतारने की तैयारी में है. इसलिए केंद्रीय मंत्री सिंधिया, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और ग्वालियर के सांसद विवेक नारायण शेजवलकर को भी मैदान में उतारे जाने की अटकलें लग रही है. इनको कहां से लड़ाया जा सकता है ? इस पर भी कयास लगाए जा रहे हैं.
तोमर को बेटे की थी चाहत, खुद को मिल गया टिकट: केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर मध्यप्रदेश की सियासत के सबसे बड़े और कद्दावर नेता माने जाते हैं. उन्हें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का संकटमोचक भी माना जाता है. पार्षद से अपनी सियासी पारी शुरू करने वाले तोमर दो दशक पहले ग्वालियर सीट से एमएलए चुने गए, फिर प्रदेश में मंत्री और राज्यसभा सदस्य बने. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पहली बार पीएम बनते समय उनके साथ ही केंद्रीय मंत्री पद की शपथ लेने वालों में तोमर भी थे. पार्टी ने उन्हें यूपी, असम, गोवा सहित अनेक राज्यों में चुनाव प्रभारी और पर्यवेक्षक बनाया. फिर 2023 के विधानसभा चुनावों के लिए एक बार एमपी में प्रबन्धन समिति का मुखिया बनाकर भेजा. यानी सियासत में उनका ग्राफ बहुत ऊपर था. वह अपने बेटे देवेंद्र प्रताप सिंह तोमर रामू के लिए विधानसभा टिकट चाहते थे, लेकिन पार्टी ने उनको खुद ही मुरैना जिले की दिमनी सीट से प्रत्याशी बनाकर चौंका दिया. इस फैसले के बाद तोमर कुछ घंटे के लिए ग्वालियर आये और मीडिया से बोला पार्टी का निर्णय है, वे चुनाव लड़ेंगे. इसके बाद वे भोपाल लौट गए.
दूसरी सूची के बाद चर्चाओं का बाजार गर्म: अब नरेंद्र तोमर, कैलाश विजयवर्गीय, प्रह्लाद पटेल, फग्गन सिंह कुलस्ते और राकेश सिंह जैसे दिग्गजों को मैदान में उतारे जाने के बाद आम लोगों ही नहीं बीजेपी में भी अटकलों का दौर जारी है. भोपाल में बीजेपी के नेताओं द्वारा दिये गए इस बयान के बाद कि पार्टी उम्मीदवारों की चौथी सूची के नाम और चौंकाने वाले होंगे. चर्चाओं का बाजार और गर्म हो गया कि अब और कौन से दिग्गज मैदान में उतारे जाएंगे. इसमें ग्वालियर चम्बल अंचल में सबसे बड़ा नाम ज्योतिरादित्य सिंधिया का है. दूसरी सूची आने के बाद उनसे विधानसभा चुनाव लड़ने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि पार्टी का निर्णय तो स्वीकार्य होता ही है.
इन सीटों से चुनाव लड़ सकते हैं सिंधिया: अब कहा जा रहा है कि इस समय बीजेपी प्रदेश में खासकर ग्वालियर-चम्बल अंचल में एक-एक सीट के लिए संघर्ष कर रही है. वह हर हाल में सत्ता में वापसी चाहती है. लिहाजा सारा फोकस ग्वालियर चम्बल की सीटों पर है. 2018 में यहां की 34 सीट में से बीजेपी महज 7 पर जीत पाई थी और अपनी 15 साल पुरानी सत्ता गंवा बैठी थी. इस बार हाईकमान कोई रिस्क नहीं लेना चाहता. इसलिए तोमर के बाद सिंधिया को भी विधानसभा के मैदान में उतार सकती है. उन्हें ग्वालियर पूर्व , ग्वालियर दक्षिण, शिवपुरी के कोलारस या पोहरी से मैदान में उतारने की चर्चाएं चल रहीं हैं. इनमे से ग्वालियर पूर्व और दक्षिण में अभी कांग्रेस विधायक हैं. जबकि पोहरी और कोलारस में अभी बीजेपी का ही कब्जा है.