ग्वालियर। मध्य प्रदेश में बीजेपी इस बार विधानसभा चुनाव किसी भी सूरत में हारना नहीं चाहती. यही कारण है कि प्रदेश स्तर से लेकर केंद्रीय नेतृत्व लगातार एड़ी-चोटी का जोर यहां लगा रहा है. इस चुनावी साल में पीएम मोदी भी लगातार एमपी का दौरा कर रहे हैं. मालवा और बुंदेलखंड के बाद अब पीएम मोदी चंबल का दौरा करने जा रहे हैं. एमपी के सबसे बड़े राजनैतिक केंद्र ग्वालियर चंबल में पार्टी को मुसीबत से निकालने के लिए 2 अक्टूबर को पीएम मोदी नेताओं को जीत का मंत्र देंगे. लेकिन पीएम मोदी के दौरे को लेकर यही सवाल उठा रहा है कि अमित शाह के बाद क्या मोदी अंचल में बीजेपी को मुसीबत से निकाल पाएंगे.
2 अक्टूबर को ग्वालियर की धरती पर पीएम मोदी: दरअसल 2 अक्टूबर गांधी जयंती के मौके पर ग्वालियर चंबल अंचल में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहली बार दौरे पर आ रहे हैं. इससे पहले राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह दो बार दौरे कर चुके हैं. अभी हाल में ही वह प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में शामिल हुए और ग्वालियर चंबल अंचल में चल रही गुटबाजी और नाराजगी को दूर करने के लिए नेताओं और कार्यकर्ताओं से बातचीत की. लेकिन अमित शाह के दौरे के बाद भी यहां पर बीजेपी के लिए कोई अनुकूल स्थिति नहीं बन पाई है और लगातार पार्टी के नेताओं में आपसी खींचतान कार्यकर्ताओं में नाराजगी पार्टी के लिए एक बड़ा सिर दर्द बन चुकी है. यही कारण है कि अंचल के दोनों दिग्गज सिंधिया और तोमर के अलावा कई ऐसे बड़े नेता हैं जो यहां पर लगातार दौरा कर आपसी सामंजस बैठने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन ग्वालियर चंबल अंचल में बीजेपी के नेताओं की यह मेहनत और रणनीति काम आती नहीं दिखाई दे रही है. इसलिए पार्टी के वरिष्ठ नेतृत्व की नजर अब ग्वालियर चंबल अंचल पर है.
ग्वालियर चंबल से होकर गुजरता है सत्ता का रास्ता: बीजेपी को पता है मध्य प्रदेश में सत्ता का रास्ता ग्वालियर चंबल से होकर गुजरता है और इसका वह नतीजा पिछले 2018 के विधानसभा चुनाव में देख चुके हैं. साल 2018 में इसी ग्वालियर चंबल अंचल के कारण बीजेपी को मध्य प्रदेश से अपनी सत्ता गंवानी पड़ी. ग्वालियर चंबल अंचल की 34 सीटों में से महज 6 सीटों पर बीजेपी जीत पाई और 26 सीट जीतकर कांग्रेस ने मध्य प्रदेश में सत्ता हासिल की थी. बीजेपी को अब यही डर है कि साल 2018 के विधानसभा चुनाव जैसे हालत फिर से ग्वालियर चंबल चंचल में ना हो जाए. यही कारण है कि बीजेपी मध्य प्रदेश के बाकी इलाके से ग्वालियर चंबल अंचल में एड़ी और चोटी का जोर लगा रही है.
ग्वालियर में हुई थी कार्य समिति की बैठक: इसलिए ग्वालियर में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और नरेंद्र सिंह तोमर के अलावा अमित शाह और खुद पीएम नरेंद्र मोदी नजर बनाए हुए हैं. अभी हाल में ही भाजपा ने प्रदेश कार्य समिति की अंतिम बैठक ग्वालियर में रखी थी जिसमें प्रदेश के अलावा ग्वालियर चंबल अंचल की सभी मंत्री, विधायक, पूर्व विधायक, जिला अध्यक्ष सहित तमाम पदाधिकारी पदाधिकारी शामिल हुए. जिसमें अमित शाह ने नेताओं से कहा था कि ''गुटबाजी और नाराजगी को छोड़कर मध्य प्रदेश में प्रचंड बहुमत से सरकार बनानी है.''