भोपाल। कर्मचारी चयन आयोग द्वारा कराई गई मध्यप्रदेश पटवारी परीक्षा में लगे धांधली के आरोपों को लेकर अब कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी प्रदेश शिवराज सरकार पर निशाना साधा है. प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया है कि ''प्रदेश की भाजपा सरकार के शासन में एक बार फिर भर्ती में घोटाले की खबरें आ रही हैं नौकरियों के लिए पदों की लाखों रुपए में बोली लगाए जाने की खबरें हैं और सरकार जांच कराने से क्यों कतरा रही है.''
लाखों युवाओं का भविष्य अंधकार में:कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि ''भर्ती घोटाले से जुड़े होने के आरोप में भाजपा नेताओं का नाम ही सामने क्यों आता है. नौकरी के लिए भर्तियों में केवल घोटाले ही घोटाले हैं. भाजपा सरकार लाखों युवाओं का भविष्य अंधकार में क्यों डाल रही है.'' उधर युवा कांग्रेस ने आरोप लगाया कि ''पटवारी परीक्षा के दौरान एग्जाम सॉल्वर गैंग पकड़ी गई थी, उसके बाद भी परीक्षा चयन बोर्ड द्वारा परीक्षा का संचालन क्यों जारी रखा गया, जबकि इस मामले में शिकायत भी दर्ज कराई गई थी.''
शिकायत के बाद भी परीक्षा क्यों हुई:मध्य प्रदेश युवा कांग्रेस के मीडिया विभाग के अध्यक्ष विवेक त्रिपाठी ने कहा कि ''मध्यप्रदेश में पटवारी भर्ती परीक्षा शुरुआत से विवादों में रही है. जब यह परीक्षा चल रही थी उस समय एग्जाम सॉल्वर की गैंग पकड़ी गई थी लेकिन परीक्षा का संचालन जारी रखा गया. 4 जुलाई और 11 जुलाई को इस संबंध में लिखित शिकायत भी की गई लेकिन विभाग के प्रमुख सचिव मलाई श्रीवास्तव ने कहा कि ''हमारे संज्ञान में कोई शिकायत ही नहीं आई.'' जबकि कर्मचारी चयन बोर्ड की परीक्षा नियंत्रक डॉ हेमलता का कहना है कि "शिकायत आई थी जांच करवा ली गई लेकिन इसके बाद भी परीक्षा जारी रखी गई. इससे साफ होता है कि बीजेपी के कई मंत्री विधायक और बीजेपी नेताओं के साथ कर्मचारी चयन बोर्ड के अधिकारी और कर्मचारी की मिलीभगत है.''
कांग्रेस ने उठाए कई सवाल:
- युवा कांग्रेस ने सवाल उठाया है कि पटवारी रिजल्ट के साथ टॉप टेन लिस्ट मेरिट लिस्ट जारी नहीं की गई. 8 दिन बाद यह सारी लिस्ट जारी की गई. इसमें स्पष्ट घोटाला दिखाई दे रहा है.
- टॉप टेन में टॉप 7 स्टूडेंट ग्वालियर के एनआरआई कॉलेज से है. इनके अलावा लगभग 1000 स्टूडेंट एनआरआई कॉलेज से है और अधिकतम लोगों ने हिंदी में सिग्नेचर किए हैं जो मामले को ज्यादा संदिग्ध बनाते हैं.
- भर्ती परीक्षाओं में नियम है कि अभ्यर्थी फॉर्म भरते समय 3 महीने के अंतर्गत का अपडेटेड फोटो लगा सकते हैं. लेकिन पटवारी भर्ती में कई अभ्यर्थियों ने 3 साल पुराना फोटो लगाया, आखिर उनका फॉर्म रिजेक्ट क्यों नहीं किया गया.
- फर्जी विकलांग सर्टिफिकेट के आधार पर कई अभ्यर्थी चयनित हुए हैं जो कि एक विशेष क्षेत्र के है. इसी प्रकार हाल ही में हुई शिक्षक भर्ती में भी एक विशेष क्षेत्र के लोगों ने फर्जी विकलांग सर्टिफिकेट बनवा कर पद प्राप्त कर लिए थे. जिसमें हाल ही में हुई जांच में से 77 लोग फर्जी पाए गए.
- पटवारी परीक्षा में संविदा कर्मी की पोस्ट पर फर्जी संविदा कर्मी चयनित कर लिए गए जिनकी उम्र 19 साल है. उन्होंने 5 वर्ष के संविदा कर्मी के तौर पर हुए अनुभव का प्रमाण पत्र लगाया और नौकरी प्राप्त कर ली. सवाल उठता है कि क्या वे 14 वर्ष की आयु में किसी सरकारी संस्था में संविदा कर्मी के तौर पर सिलेक्ट के लिए गए थे.
- इस परीक्षा के पहले कृषि विस्तार अधिकारी परीक्षा में ग्वालियर भिंड मुरैना के आसपास के ही छात्र मेरिट में आए थे और वह बीजेपी नेताओं के संपर्क वाले थे मामला उजागर होने के बाद परीक्षा रद्द करनी पड़ी थी.