भोपाल। देश और प्रदेश में इस समय सुर्खियों में सबसे ज्यादा कोई नेता या सेलिब्रिटी नहीं बल्कि साधु-संत हैं. बागेश्वर धाम सरकार के बाद अब गुरुशरण महाराज पंडोखर सरकार भी चर्चा में आ गए हैं. वहीं ईटीवी भारत से खास बातचीत में गुरुशरण महाराज पंडोखर सरकार ने कहा कि देश में हिन्दू राष्ट्र से पहले रामराज्य की स्थापना होनी चाहिए. बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री और हमारे बीच कोई विरोध नहीं है. जो भी संत अच्छा काम कर रहे हैं, हम उनके साथ हैं, लेकिन आज के समय में कई ढोंगी और कालनेमि लोग पर्चियां लिख रहे हैं, हम पर जिसे शंका है, वह आकर शोध करे.
विश्वास और अंधविश्वास पर बोलते हुए गुरुशरण महाराज पंडोखर सरकार ने कहा कि यह दोनों ही श्रद्धा का विषय है. जैसे प्रकाश और अंधेरे का. जो अंधेरे में रहना चाहता है, उसे विश्वास ही नहीं होगा और जो उजाले में आना चाहता है वह प्रकाश की और आएगा. अश्रद्धा कहीं भी हो सकती है. जब तक किसी का परीक्षण नहीं होता, तब तक उस पर टिप्पणी नहीं करना चाहिए. अगर किसी को लगता है कि अंधविश्वास है तो जो संत दरबार लगाते हैं, वहां जाकर परीक्षण करें. जिनको लगता है यह अविश्वास है, वह पंडोखर धाम आए परीक्षण करे. हम भी इस बात का समर्थन करते हैं कि अंधविश्वास खत्म होना चाहिए. इसलिए आप पंडोखर आएं और आकर वहां देखे, दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा.
पर्ची पंडोखर सरकार ने पहले निकाली फिर आगे बागेश्वर धाम क्यों, जानिए पूरी दास्तां
नागपुर की संस्था के चैलेंज देने वाली बात पर बोले:पहले भी कई पर्चे लिखे गए. कई संत लिखते थे. पंडोखर धाम से ही परिचय लिखने की परंपरा चली है. सभी लोग बड़ा धाम से प्रेरणा लेकर पर्ची लिख रहे हैं, लेकिन अब इस श्रेणी में वह भी लोग मिक्स हो गए हैं, जिनमें पर्चा बनाने की क्षमता नहीं है. वह कभी भी पकड़े जा सकते हैं, लेकिन जब भी किसी पर उंगली उठती तो, मैं इतना ही निवेदन करूंगा कि आपको देखना है तो पंडोखर धाम आकर देखो तो अंधविश्वासियों को तमाचा पड़ेगा.
हिंदू राष्ट्र से पहले राम राज्य की स्थापना: रामराज्य सबके लिए होता है. धर्म समभाव सबके लिए होता है. सारी आत्मा परमात्मा एक ही है. परमात्मा सब को एक ही निगाह से देखते हैं. पंडोखर सरकार ने कहा कि हिंदू राष्ट्र की स्थापना की जगह रामराज्य की स्थापना होना जरूरी है. जिससे भारतीय संस्कृति, भारतीय सनातन की व्यवस्था बने. पहले रामराज होगा तो हिंदू राष्ट्र ऑटोमेटिक हो जाएगा, क्योंकि भारत भूमि सर्वधर्म समभाव की भूमि है. अगर हिंदू राष्ट्र होगा तो विरोध की स्थिति बनेगी, लेकिन रामराज्य पहले स्थापित होना चाहिए. हम भी चाहते हैं, कि भारत देश हिंदू राष्ट्र हो, लेकिन उसके पहले राम राज्य की स्थापना होनी जरूरी है.