भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर दोनों प्रमुख दल बीजेपी व कांग्रेस उम्मीदवारों के नाम तय करने के लिए माथापच्ची कर रहे हैं. बीजेपी ने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है. वहीं, कांग्रेस अभी भी उम्मीदवार तय करने के लिए मशक्कत कर रही है. सत्ता में आने का रुझान देखकर कांग्रेस में अधिकांश सीटों पर 12 से ज्यादा नेता दावेदारी कर रहे हैं. भोपाल की नरेला, गोविंदपुरा, बैरसिया सीटों पर दो से ज्यादा मजबूत दावेदार हैं. कांग्रेस ने करीबन 130 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम तय कर लिए हैं.
हारनी वाली सीटों पर रणनीति :कांग्रेस ने लगातार हारने वाली 66 सीटों पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का दौरा कराया है. उन्होंने पार्टी की जमीनी स्थिति, दावेदारों की सक्रियता, स्थानीय स्तर पर दावेदारों की स्वीकारता जैसे तमाम बिंदुओं पर रिपोर्ट तैयार कर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ को सौंपी है. इन 66 सीटों सहित तमाम सीटों पर प्रदेश कांग्रेस सर्वे रिपोर्ट तैयार करा चुकी है. उम्मीदवारों के नामों को लेकर 2 सितंबर को कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की पहली बैठक भोपाल में होने जा रही है. बैठक में स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष जितेन्द्र सिंह, प्रदेश प्रभारी महासचिव रणदीप सुरजेवाला, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ, दिग्विजय सिंह सहित तमाम कमेटी के सदस्य मौजूद रहेंगे.
टिकट को लेकर तय किया क्राइटेरिया :बताया जा रहा है कि बैठक में सबसे पहले 66 सीटों की प्रदेश कांग्रेस और एआईसीसी की सर्वे रिपोर्ट को कमेटी के सामने रखा जाएगा. इसके आधार पर हर सीट पर पैनल तैयार किए जाएंगे. उम्मीदवारों के नाम का अंतिम फैसला पार्लियामेंट बोर्ड करेगा. चुनाव में उम्मीदवारों को लेकर कांग्रेस ने टिकट का फॉर्मूला तैयार कर लिया है. पार्टी ने तय किया है कि तीन चुनाव हार चुके नेताओं को टिकट देने से बचा जाएगा. इनके स्थान पर युवा चेहरे को मौका दिया जाएगा. स्थानीय उम्मीदवार को तहजीह दी जाएगी. इसके अलावा बीजेपी से कांग्रेस में आए नेताओं को भी पार्टी चुनाव मैदान में उतार सकती है, बशर्ते स्थानीय स्तर पर पार्टी कार्यकर्ता संबंधित नेता को स्वीकार करें. इसके लिए इन नेताओं के नाम पर अंतिम निर्णय के पहले संबंधित जिला कांग्रेस कमेटी से भी चर्चा की जाएगी.