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एमपी में नए सीएम पद की घोषणा से मालवा में जश्न,ग्वालियर चंबल में सन्नाटा ,सीएम पद की रेस में ये थे सबसे आगे - Celebration in Malwa silence in Gwalior Chambal

Celebration in Malwa of new CM, silence in Gwalior Chambal: एमपी में नए सीएम की घोषणा के बाद जहां मालवा अंचल में जश्न का माहौल है तो ग्वालियर चंबल क्षेत्र में सन्नाटा पसरा है. विधानसभा चुनाव में अच्छी परफार्मेंस के बाद लोगों को उम्मीद थी कि सीएम इसी क्षेत्र से होगा लेकिन उनका सपना टूट गया.

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मालवांचल में खुशी, चंबल में निराशा

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 12, 2023, 5:06 PM IST

काम नहीं आया दिग्गजों का रसूख !

ग्वालियर। चुनावों में बीजेपी की प्रचंड जीत और ग्वालियर चंबल में अच्छे प्रदर्शन के बाद उम्मीद की जा रही थी कि इस बार इसी क्षेत्र से कोई सीएम पद के लिए चुना जाएगा.दावेदारी भी थी लेकिन नए सीएम की घोषणा के बाद अब इस अंचल के लोग निराश और हताश हैं. चुनावों में ग्वालियर चंबल अंचल राजनैतिक केन्द्र बिंदु रहा. लेकिन अब लोग मायने निकाल रहे हैं कि अबकी बार इस सरकार में ग्वालियर चंबल अंचल का रसूख नहीं रहा.

मालवांचल में खुशी, चंबल में निराशा:मध्य प्रदेश में नए मुख्यमंत्री की घोषणा होने के बाद एक तरफ जहां मालवांचल में खुशी की लहर है तो वहीं ग्वालियर चंबल अंचल में फिर से सन्नाटा है. अंचल के लोगों को अबकी बार आस थी कि यहीं से मध्य प्रदेश का नया मुख्यमंत्री होगा, लेकिन पार्टी ने यह सपना तोड़ दिया है. वही मुख्यमंत्री पद के अलावा यहां से डिप्टी सीएम का ताज भी छीन लिया है.

काम नहीं आया दिग्गजों का रसूख:एमपी विधानसभा चुनाव में राजनीतिक केंद्र बिंदु रहा ग्वालियर चंबल अंचल में उदासी का माहौल है. बीजेपी के प्रचंड बहुमत से जीतने के बाद यह माना जा रहा था कि अबकी बार ग्वालियर चंबल अंचल से मध्य प्रदेश का नया मुख्यमंत्री होगा .जिसमें सबसे आगे केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और नरेंद्र सिंह तोमर शामिल थे. इस अंचल में अबकी बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबसे अधिक दौरे किये तो वहीं भाजपा के चाणक्य कहे जाने वाले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी एक के बाद एक दौरे पर आए और उन्होंने यहां रणनीति तैयार की थी लेकिन इस रणनीति और दिग्गजों का रसूख सरकार बनाने में कोई काम नहीं आया.

सीएम की रेस में थे ये बड़े नेता:माना जा रहा था कि मोदी टीम के सबसे भरोसेमंद और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को विधानसभा में उतारकर पार्टी उन्हें कोई बड़ा पद देगी. जिसमें यह दावा किया जा रहा था कि नरेंद्र सिंह तोमर को सीएम बनाया जा सकता है तो वही अंचल से दूसरे मुख्यमंत्री पद के दावेदार केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया थे. विधायक दल की बैठक में मध्य प्रदेश के नए सीएम की रेस में सिंधिया, तोमर, प्रहलाद पटेल और कैलाश विजयवर्गीय थे. इन्हीं चारों में से बताया जा रहा था कि मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री हो सकता है.

जब लोग हुए अचंभित:पार्टी नेतृत्व ने सीएम के चेहरे को लेकर घोषणा की तो सभी एकदम अचंभित हो गए और उज्जैन से विधायक मोहन यादव को मुख्यमंत्री घोषित किया गया. वहीं डिप्टी सीएम भी मालवा अंचल से घोषित किये गए.प्रदेश की इस नई सरकार में मालवांचल का पूरी तरह दबदबा रहा लेकिन ग्वालियर चंबल अंचल उपेक्षित हो गया. संतोष इस बात पर किया जा सकता है कि नरेंद्र सिंह तोमर को विधानसभा अध्यक्ष बनाया दिया गया.

क्या मानते हैं राजनीतिक जानकार: वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक जानकार देव श्रीमाली का कहना है कि इस बार ग्वालियर चंबल के लोगों को बड़ी उम्मीद थी कि अंचल से पहली बार मुख्यमंत्री मिल सकता है लेकिन उनका सपना टूट गया.वहीं कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष आर पी सिंह का कहना है कि यहां की जनता को एक तरह से बीजेपी के वरिष्ठ नेतृत्व ने नकार दिया है. सिंधिया जो कांग्रेस की सरकार को गिराकर बीजेपी में मुख्यमंत्री बनने के लिए आए वह भी अबकी बार कांच की तरह बिखरते हुए नजर आ रहे हैं.

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