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Bhopal Gas Tragedy : शिवराज के मंत्री बोले- मैं भी हूं पीड़ित ! - भोपाल गैस त्रासदी पीड़ित मुआवजा

चिकित्सा शिक्षा मंत्री और गैस राहत मंत्री विश्वास सारंग का आरोप है कि कांग्रेस ने भोपाल गैस कांड (Bhopal Gas Tragedy) के मुख्य आरोपी को देश से बाहर सुरक्षित निकालने में मदद की थी. जबकि बीजेपी सरकार गैस पीड़ितों के इलाज से लेकर रोजगार तक के लिए (vishwas sarang on bhopal gas tragedy) काम कर रही है.

vishwas sarang
विश्वास सारंग

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Published : Dec 3, 2021, 2:45 PM IST

भोपाल : भोपाल गैस त्रासदी को 37 साल हो चुके हैं लेकिन गैस पीड़ितों का आरोप है कि सरकारों ने उनके लिए कुछ नहीं किया. सभी वादाखिलाफी करते रहे. पीड़ितों का आरोप है कि चाहे सरकारें किसी की भी रही हों, किसी ने भी हमारी परेशानियों को (Bhopal Gas Tragedy) गंभीरता से नहीं लिया. इसी मुद्दे पर ईटीवी भारत ने गैस राहत मंत्री विश्वास सारंग से खास बातचीत की.

सवाल -भोपाल गैस त्रासदी को 37 साल हो चुके हैं. आपकी सरकार ने क्या किया.

जवाब -भोपाल की गैस त्रासदी दुर्भाग्यपूर्ण रही और यह त्रासदी वह है जिसकी भरपाई कभी नहीं की जा सकती. मैं खुद भी गैस पीड़ित हूं. मैं उनका दर्द जानता हूं. लेकिन कांग्रेस की सरकार की गलतियां रहीं. जिसमें तत्कालीन केंद्र और राज्य (vishwas sarang on bhopal gas tragedy) सरकार दोनों ही जिम्मेदार हैं. मैं सीधे तौर पर आरोप लगा रहा हूं कि कांग्रेस सरकार ने गैस पीड़ितों की बिल्कुल चिंता नहीं की. सरकारी विमान मुहैया कराकर एंडरसन को विदेश भेजा गया. ये एक षड़यंत्रपूर्वक किया हुआ काम था.

सवाल -आप की सरकार केंद्र और राज्य दोनों में है. आप क्या करने जा रहे हैं.

जवाब -हमारी सरकार ने गैस पीड़ितों की चिंता की है. उनका सामाजिक उत्थान हुआ है. आर्थिक उत्थान हो या फिर चिकित्सा की बात हो, हमने सब सुविधाएं मुहैया कराईं हैं. गैस त्रासदी में विधवा हुई महिलाओं को कल्याणी कहा जाता है, (Bhopal Gas Tragedy compensation) उनके लिए पेंशन शुरू कराई. इलाज की जरूरत है तो इलाज भी अस्पतालों में किया जा रहा है.

सवाल -आपकी योजना यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री की जमीन पर स्मारक बनाने की है.

जवाब -बिल्कुल. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने एलान किया था कि इस जगह पर स्मारक बनाया जाएगा, जो कि गैस पीड़ितों के दर्द को बताएगा. उस भयावह रात की खौफनाक कहानी यहां पर बताई जाएगी. इसका मुख्य उद्देश्य है कि विकास की अंधी दौड़ का नतीजा भोपाल गैस त्रासदी है. आने वाली पीढ़ी इसमें यह जानेगी कि आपाधापी और खतरनाक कैमिकल (bhopal gas toxic waste ) ने किस तरह से भोपाल वासियों के जीवन को प्रभावित किया. दूसरी तरफ स्मारक बनने से गैस पीड़ितों के परिजनों को रोजगार भी मिलेगा.

सवाल - 337 मेट्रिक टन कचरा जो कि जहरीला है, उसका निष्पादन अभी तक नहीं हो पाया है.

जवाब -जहरीले कचरे को लेकर टेंडर जारी किए हैं. जल्दी काम शुरू हो जाएगा. इसके निष्पादन के लिए लगातार चर्चा की जा रही है. जल्दी भोपाल वासियों को जहरीले कचरे से निजात मिल जाएगी.

सवाल - BMHRC के अलावा गैस राहत अस्पताल की हालत अच्छी नहीं है.

जवाब - BMHRC को एम्स से जोड़ने के लिए कोशिश जारी है. एम्स से जुड़ जाएगा तो टीचिंग स्टाफ मिलेगा, जिससे यहां सुविधाएं बढ़ेंगी.

सवाल -आप की सरकार है. आखिर गैस पीड़ितों को न्याय क्यों नहीं मिल पा रहा .

जवाब- ऐसा नहीं है. हम लगातार प्रयास कर रहे हैं. स्मारक बनेगा तो उसमें भी रोजगार उन्मुख कार्यक्रम चलाए जाएंगे. गैस पीड़ितों के लिए बीजेपी सरकार काम कर रही है. जिसका नतीजा है कि उन्हें सुविधाएंं दी जा रही हैं.

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