भोपााल।बीजेपी भले ही दावा कर रही है कि, उसने नगर सरकार के चुनावों में 85 प्रतिशत जीत हासिल कर ली है, लेकिन 16 में से 7 नगर निगमों की हार ने पार्टी के लिए 2023 के खतरे ही घंटी बजा दी है. सात साल पहले बीजेपी ने 16 नगर निगमों में क्लीन स्वीप किया था. हाल ही में आए नतीजों से प्रदेश के बड़े दिग्गजों की नींद और उनके चेहरे की खुशी उड़ा दी है. 7 नगर निगमों में कुल मिलाकर 46 विधानसभा आती हैं. जिसमें बीजेपी को पटखनी मिली है.
MP: नगरीय निकाय चुनाव में बीजेपी को 46 से अधिक विधानसभा सीटों पर खतरे की घंटी, पार्टी के दिग्गजों की उड़ी नींद - BJP State President VD Sharma
निकाय चुनाव (mp mayor election 2022) में पार्टी के दिग्गज नेताओं को जीत दिलाने का जिम्मा था. इसमें सीएम शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan), प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा (BJP State President VD Sharma), का रोल मुख्य था साथ ही सरकार के पूरे मंत्रियों को चुनाव जिताने की जिम्मेदारी दी गई थी. इसके बाद भी 46 विधानसभा सीटों पर बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा है. लिहाजा प्रदेश अध्यक्ष और सीएम जीत के आंकड़े बता कर कार्यकर्ताओं को संदेश दे रहे हैं कि, हमें 85 प्रतिशत नगरीय निकायों में जीत मिली है.
कहां-कहां बीजेपी को उठाना पड़ सकता है नुकसान: विंध्य में राजेंद्र शुक्ल के साथ विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम भी इसी इलाके से हैं. इसके बाद भी बीजेपी को नहीं जिता पाए. सतना, सिंगरौली, रीवा नगर निगम में बीजेपी सिर्फ एक ही जीत पाई है. यहां विधानसभा सीट-18 है कांग्रेस को 4 बीजेपी 14 सीटों में जीत मिली है. महाकौशल यानी की जबलपुर के साथ साथ छिंदवाड़ा में बीजेपी अपना मेयर नहीं बना पाई है. यहां पर राकेश सिंह, प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड़्डा की ससुराल है, लेकिन नगर निगम नहीं जीत पाए. यहां विधानसभा की 19 सीटे हैं कांग्रेस को 12 पर जीत बीजेपी को 7 सीट पर जीत मिली है. ग्वालियर चंबल में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, नरेंद्र सिंह तोमर सहित बीजेपी सरकार में कैबिनेट मंत्री दर्जा प्राप्त मंत्री भी यहां पर जनता का दिल नहीं जीत सके. 28 सीटों पर उप चुनाव हुए थे. इसमें बीजेपी को 19 और कांग्रेस को 9 सीटें मिली थीं. ग्वालियर-चंबल क्षेत्र की 16 सीटों में 7 सीट ही कांग्रेस के खाते में पहुंची थी.विधानसभा की 28 सीटों में अब बीजेपी 19, कांग्रेस 9 में जीत हासिल की है.
बीजेपी का दिग्गजों के साथ हार पर मंथन: बीजेपी ने नगरीय निकाय चुनावों के परिणाम आने के बाद देर रात पूरे विधायक, सांसद औऱ मंत्रियो को वर्चुअल कांफ्रेस से जोड़ा. प्रदेश प्रभारी शिवप्रकाश ने निकाय चुनाव में हार की समीक्षा की. हार की समीक्षा में पाया गया कि, निचले स्तर पर त्रिदेव और बूथ मैनेजमैंट का आपसी समन्वय न होना एक प्रमुख वजह मानी गई है और बागियों ने बीजेपी के गणित को बिगाड़ा इस पर भी चिंतन मंथन किया गया. आगे बागियों से किस तरह से निपटना है .इसकी भी चर्चा हुई
हार के बाद बीजेपी प्रदेश प्रभारी शिवप्रकाश को हटाया गया:नगर निगमों में हार को बीजेपी पचा नहीं पाई और ईफैक्ट दिखना शुरु हो गया. हाईकमान की तरफ से हार की ठीकरा संगठन पर फोड़ दिया गया है. नेताओं का आपसी कोआर्डीनेशन ना होना सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश को चुनावी नतीजों के बाद उनकी मप्र से विदाई कर दी गई है. शिवप्रकाश के पास म.प्र के अलावा 6 और राज्यों का प्रभार है.