दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

MP: नगरीय निकाय चुनाव में बीजेपी को 46 से अधिक विधानसभा सीटों पर खतरे की घंटी, पार्टी के दिग्गजों की उड़ी नींद - BJP State President VD Sharma

निकाय चुनाव (mp mayor election 2022) में पार्टी के दिग्गज नेताओं को जीत दिलाने का जिम्मा था. इसमें सीएम शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan), प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा (BJP State President VD Sharma), का रोल मुख्य था साथ ही सरकार के पूरे मंत्रियों को चुनाव जिताने की जिम्मेदारी दी गई थी. इसके बाद भी 46 विधानसभा सीटों पर बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा है. लिहाजा प्रदेश अध्यक्ष और सीएम जीत के आंकड़े बता कर कार्यकर्ताओं को संदेश दे रहे हैं कि, हमें 85 प्रतिशत नगरीय निकायों में जीत मिली है.

mp mayor election 2022
नगरीय निकाय चुनाव में बीजेपी को 46 से अधिक विधानसभा सीटों पर खतरे की घंटी

By

Published : Jul 21, 2022, 10:25 PM IST

भोपााल।बीजेपी भले ही दावा कर रही है कि, उसने नगर सरकार के चुनावों में 85 प्रतिशत जीत हासिल कर ली है, लेकिन 16 में से 7 नगर निगमों की हार ने पार्टी के लिए 2023 के खतरे ही घंटी बजा दी है. सात साल पहले बीजेपी ने 16 नगर निगमों में क्लीन स्वीप किया था. हाल ही में आए नतीजों से प्रदेश के बड़े दिग्गजों की नींद और उनके चेहरे की खुशी उड़ा दी है. 7 नगर निगमों में कुल मिलाकर 46 विधानसभा आती हैं. जिसमें बीजेपी को पटखनी मिली है.

सत्ताधारी पार्टी की उड़ी नींद: ग्वालियर चंबल महाकौशल से बीजेपी साफ हो गई है. सिंगरौली के साथ साथ विंध्य में भी भारी झटका लगा है. रीवा में 8 विधानसभा है. इस क्षेत्र की 2 नगर निगम बीजेपी से छिन गई हैं. हालांकि बुंदेलखंड, मालवा निमाड़ में जनता ने अभी भी बीजेपी पर ही भरोसा जताया है. 7 नगर निगम में 46 विधानसभा हैं. जहां पर बीजेपी डेंजर जोन में आ चुकी है. हालांकि पिछली बार विधानसभा में बीजेपी को यहां पर हार का सामना करना पड़ा था, लेकिन उपचुनाव में कांग्रेस से आए मंत्री और विधायकों में ज्यादातर जीत गए थे. कांग्रेस को 28 में से सिर्फ 9 सीटें ही मिली थी, लेकिन नगर निगम के हालिया नतीजों ने सत्ताधारी पार्टी की नींद उड़ा दी है.
कमलनाथ का तंज: 2018 के चुनावों में बीजेपी को 109 सीटें ही मिली थी. कांग्रेस ने सरकार बना ली थी. अब नगर निगमों की हार ने फिर बीजेपी के लिए 2023 के समीकरण बिगाड़ दिए हैं. कांग्रेस को नगर निकायों में मिली सीटों से संतोष है. कमलनाथ कहते हैं हम 2014 में 16 नगर निगम में जीरो पर थे. अब खाते में 5 सीट आ गई है. बुरहानपुर में भी बीजेपी मार्जिन से ही जीती है. वजह रही ओवैसी की पार्टी का चुनाव में उतरना. देखा जाए तो यहां भी ओवैसी की वजह से बीजेपी को जीत मिली है नहीं तो कांग्रेस यहां भी नगर निगम में जीत हासिल कर लेती. हार के बावजूद कमलनाथ कान्फीडेंट दिखाई दे रहे हैं. बीजेपी पर तंज भी मार रहे हैं कि बच्चा किसी और के जन्म ले रहा है, लेकिन मिठाईयां बीजेपी बांट रही है.

Khargone Nikay Chunav 2022: AIMIM पार्षद अरुणा हुईं ओवैसी के विचारों से प्रभावित, बोलीं- ये 'भाईचारे' और 'इंसानियत' की जीत

कहां-कहां बीजेपी को उठाना पड़ सकता है नुकसान: विंध्य में राजेंद्र शुक्ल के साथ विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम भी इसी इलाके से हैं. इसके बाद भी बीजेपी को नहीं जिता पाए. सतना, सिंगरौली, रीवा नगर निगम में बीजेपी सिर्फ एक ही जीत पाई है. यहां विधानसभा सीट-18 है कांग्रेस को 4 बीजेपी 14 सीटों में जीत मिली है. महाकौशल यानी की जबलपुर के साथ साथ छिंदवाड़ा में बीजेपी अपना मेयर नहीं बना पाई है. यहां पर राकेश सिंह, प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड़्डा की ससुराल है, लेकिन नगर निगम नहीं जीत पाए. यहां विधानसभा की 19 सीटे हैं कांग्रेस को 12 पर जीत बीजेपी को 7 सीट पर जीत मिली है. ग्वालियर चंबल में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, नरेंद्र सिंह तोमर सहित बीजेपी सरकार में कैबिनेट मंत्री दर्जा प्राप्त मंत्री भी यहां पर जनता का दिल नहीं जीत सके. 28 सीटों पर उप चुनाव हुए थे. इसमें बीजेपी को 19 और कांग्रेस को 9 सीटें मिली थीं. ग्वालियर-चंबल क्षेत्र की 16 सीटों में 7 सीट ही कांग्रेस के खाते में पहुंची थी.विधानसभा की 28 सीटों में अब बीजेपी 19, कांग्रेस 9 में जीत हासिल की है.

बीजेपी का दिग्गजों के साथ हार पर मंथन: बीजेपी ने नगरीय निकाय चुनावों के परिणाम आने के बाद देर रात पूरे विधायक, सांसद औऱ मंत्रियो को वर्चुअल कांफ्रेस से जोड़ा. प्रदेश प्रभारी शिवप्रकाश ने निकाय चुनाव में हार की समीक्षा की. हार की समीक्षा में पाया गया कि, निचले स्तर पर त्रिदेव और बूथ मैनेजमैंट का आपसी समन्वय न होना एक प्रमुख वजह मानी गई है और बागियों ने बीजेपी के गणित को बिगाड़ा इस पर भी चिंतन मंथन किया गया. आगे बागियों से किस तरह से निपटना है .इसकी भी चर्चा हुई

MP: नगरीय निकाय में केजरीवाल का कमाल! पहले ही चांस में मेयर सीट पर किया कब्जा, AAP की रानी अग्रवाल जीतीं

हार के बाद बीजेपी प्रदेश प्रभारी शिवप्रकाश को हटाया गया:नगर निगमों में हार को बीजेपी पचा नहीं पाई और ईफैक्ट दिखना शुरु हो गया. हाईकमान की तरफ से हार की ठीकरा संगठन पर फोड़ दिया गया है. नेताओं का आपसी कोआर्डीनेशन ना होना सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश को चुनावी नतीजों के बाद उनकी मप्र से विदाई कर दी गई है. शिवप्रकाश के पास म.प्र के अलावा 6 और राज्यों का प्रभार है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details