भोपाल।मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे आने में अब चंद दिन ही बाकी बचे हैं. 3 दिसंबर की दोपहर तक मध्यप्रदेश में सियासी स्थिति पूरी तरह से साफ हो जाएगी. इसके साथ ही चुनाव मैदान में उतरे उम्रदराज नेताओं के राजनीतिक भविष्य भी पता चल जाएगा. विधानसभा चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस के डेढ़ दर्जन नेता चुनाव में उतरे हैं. इस फेहरिस्त में दोनों ही पार्टियों के दिग्गज नेता पूर्व मंत्री शामिल हैं. यह नेता 70 साल की उम्र पार कर चुके हैं. इनमें से कई नेता पहले ही इसे अपना आखिरी चुनाव बता चुके हैं. राजनीतिक जानकारों के मुताबिक यह नेता हारे या जीतें, लेकिन इनके उत्तराधिकारी को लेकर राजनीतिक पार्टियां आने वाले समय में विकल्प तलाशना शुरू कर देंगी.
बीजेपी के यह नेता सबसे बुजुर्ग: विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने उम्र का बंधन तोड़ते हुए अपने सबसे उम्रदराज नेता के रूप में पूर्व मंत्री नागेन्द्र सिंह को नागौद से चुनाव मैदान में उतारा है. वे 80 साल के हैं. प्रदेश सरकार में गृह, लोकनिर्माण जैसे कई विभागों को संभाल चुके हैं. हालांकि इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला है. माना जा रहा है कि वे जीतें या हारें, अगले विधानसभा चुनाव में इस सीट से पार्टी की तरफ से नया चेहरा देखने को मिल सकता है.
- नागेन्द्र सिंह नागौद के बाद सबसे उम्र दराज प्रत्याशियों की सूची में बीजेपी के रीवा की गुढ़ सीट से नागेन्द्र सिंह गुढ़ का नाम है. वे भी 79 साल के हो चुके हैं. अगर वे जीत भी गए तो अगले विधानसभा चुनाव तक उनकी उम्र 84 पहुंच जाएगी और उनका चुनाव लड़ना मुश्किल ही होगा.
- दमोह विधानसभा सीट बीजेपी उम्मीदवार पूर्व वित्त मंत्री जयंत मलैया भी 76 साल के हो चुके हैं. 2018 के विधानसभा चुनाव में वे चुनाव हार गए थे. इस सीट पर उनके पुत्र सिद्धार्थ मलैया को उनके विकल्प के रूप में देखा जा रहा है. माना जा रहा है कि पूर्व मंत्री चुनाव जीत भी जाएं, तब भी उनका अगला चुनाव लड़ना मुश्किल होगा.
- होशंगाबाद विधानसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सीतासरन शर्मा भी 75 साल पूरे कर चुके हैं. उनकी हार या जीत के बाद भी पार्टी उनका विकल्प खोजना जरूर शुरू कर देगी.
- अनूपपुर से बीजेपी प्रत्याशी गौरीशंकर बिसेन के स्थान पर पार्टी ने उनकी बेटी को टिकट दिया था, लेकिन बाद में खुद गौरीशंकर बिसेन को मैदान में उतारा गया. बिसेन 71 साल के हो चुके हैं. उनके चुनाव को अंतिम माना जा रहा है.
- रहली सीट से चुनाव मैदान में उतरे गोपाल भार्गव भी 71 साल के हो चुके हैं. हालांकि भार्गव आगे भी चुनाव लड़ते रहने का दावा करते रहे हैं. वैसे भार्गव के चुनाव प्रचार की बागडोर उनके बेटे अभिषेक संभालते रहे हैं, आगामी चुनाव में वे इस सीट से मजबूत दावेदार माने जाते हैं.
- इसके अलावा चंदेरी विधानसभा सीट से जगन्नाथ सिंह रघुवंशी 75 साल के हैं. खिलचीपुर सीट से बीजेपी उम्मीदवार हजारीलाल दांगी 72 साल, सिवनी मालवा से प्रेमशंकर वर्मा 72 साल, जैतपुर से जयसिंह मरावी 71 साल की उम्र पूरी कर चुके हैं.
कांग्रेस के यह नेता सबसे उम्रदराज:
- मध्यप्रदेश में कांग्रेस की चुनावी बागडोर संभाल रहे दोनों बड़े नेता कमलनाथ और दिग्विजय सिंह दोनों ही 75 साल पार हो चुके हैं. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और मुख्यमंत्री पद के दावेदार कमलनाथ 77 साल के हो चुके हैं. वे इस बार छिंदवाड़ा सीट से विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं. राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह की उम्र 76 साल हो चुकी है.
- लहार से चुनाव लड़ रहे नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने 2018 के विधानसभा चुनाव के बाद ही इसे अपना आखिरी चुनाव बता दिया था. वे 72 साल के हो चुके हैं.
- कांग्रेस के सीनियर नेता राजेन्द्र सिंह भी 73 साल के हो चुके हैं. अमरपाटन सीट से राजेन्द्र कुमार सिंह चुनाव लड़े हैं, हालांकि वे अपनी राजनीतिक विरासत अपने बेटे को सौंपने की इच्छा जता चुके हैं. उनके चुनाव जीतने के बाद भी अगले विधानसभा चुनाव में संभवता वे चुनावी मैदान में दिखाई नहीं देंगे.
- इसी तरह नीमच जिले की मनासा विधानसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार नरेन्द्र नहाटा 77 साल के हो चुके हैं. बीजेपी से कांग्रेस में आए और होशंगाबा (नर्मदापुरम) से चुनाव लड़ रहे गिरजाशंकर शर्मा 73 साल, भंवर सिंह शेखावत 73 साल और सज्जन सिंह वर्मा भी 71 साल के हो चुके हैं.