नई दिल्ली :कोरोना की दूसरी लहर की बेबसी को राज्यसभा में आरजेडी सांसद मनोज झा ने जब आवाज दी तो लगा कि संसद में आम आदमी बोल रहा है. उन्होंने ऑन द रिकॉर्ड यह भी कहा कि वे किसी पार्टी की ओर से नहीं बल्कि लाखों पीड़ितों की ओर से बोल रहे हैं. आरजेडी सांसद ने बिना तीखे शब्दों के सरकार और सिस्टम के सरोकार पर गहरी चोट की जिसे पक्ष-विपक्ष दोनों ने सराहा.
आरजेडी सांसद मनोज झा ने कहा कि लोग आंकड़ों की बात करते हैं लेकिन आप अपनी पीड़ा में आंकड़े ढूंढिए. कहा कि इस सदन में ही नहीं बाहर सड़क पर भी ऐसा कोई नहीं मिलेगा जिसने किसी अपने को नहीं खोया है. इसलिए आंकड़ों बात नहीं करनी है. जो लोग चले गए वे जिंदा दस्तावेज छोड़ गए हैं. कुछ कहने-सुनने की जरुरत नहीं है. हम आंकड़ों की बात कर रहे हैं लेकिन गंगा में तैरने वाली लाशों पर पूरे सदन को शोक मनाना चाहिए.
उन्होंने कहा कि यह किसी एक सरकार का फेलियर नहीं है. सिर्फ केंद्र का फेलियर नहीं है यह 1947 ले लेकर अब तक की सभी सरकारों का फेलियर है. हम कभी नहीं जानते थे कि अस्पताल और ऑक्सीजन का क्या कनेक्शन होता है लेकिन वह सब दिखा जिसे कोई नहीं देखना चाहता. सांसद ने कहा कि आप थैंक्यू बोलिए, हाथ चूमिए लेकिन गंगा में तैरती लाशों पर शोक जरुर मनाईए.
मनोज झा ने कहा कि बाहर बड़ा सा बोर्ड लगा है मुफ्त वैक्सीनेशन. क्या है यह? मुफ्त राशन, मुफ्त ईलाज का नारा दिया जा रहा है लेकिन यह जानना चाहिए कि मुफ्त कुछ भी नहीं है. गांव का गरीब जब एक टिकिया साबुन का खरीदता है तो वह अडानी और अंबानी की संपत्ति में शेयर देता है. आप किसे मुफ्त का लालच दे रहे हैं. यह उनका अधिकार है.