जबलपुर।मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस ने 'सुओ मोटो पिटीशन' पर सुनवाई करते हुए वकीलों की हड़ताल पर सख्त आदेश सुनाया है. मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ और जस्टिस विशाल मिश्रा की डबल बेंच ने एक 'सुओ मोटो पिटीशन' की सुनवाई की. इसमें मध्य प्रदेश बार काउंसिल हाई कोर्ट, बार एसोसिएशन और जिला बार एसोसिएशन के सदस्यों को पार्टी बनाया गया था. इस याचिका की सुनवाई के बाद 10 पेज के अपने आदेश में चीफ जस्टिस ने बड़े ही सख्त लहजे में वकीलों को तुरंत पैरवी पर लौटने का आदेश दिया है.
रोकने वालों के खिलाफ कार्रवाई:अपने आदेश में चीफ जस्टिस ने लिखा है कि ''यदि वकील मुकदमे में हाजिर नहीं होते हैं तो उनके खिलाफ कोर्ट की अवमानना की कार्रवाई की जाएगी''. वहीं, यदि कोई दूसरा वकील या संगठन किसी को अदालत में आने से रोकेगा तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी. इसके साथ ही चीफ जस्टिस के इस आदेश में न्यायिक अधिकारियों के लिए लिखा है कि यदि जानबूझकर वकील किसी मामले में पैरवी करने के लिए नहीं आते हैं तो वह इस बात की जानकारी हाईकोर्ट को देंगे.