इंदौर।कहते हैं जब शौक हद से गुजर जाए तो वह जुनून बन जाता है. इंदौर में इसी जुनून की मिसाल हैं वंदना जोशी, जिन्होंने अपने गार्डनिंग के शौक को जुनून में बदल कर अपने घर की छत पर ही गार्डन खड़ा कर डाला है. उन्होंने अपने घर के टेरेस गार्डन में 1 हजार से ज्यादा पेड़-पौधे लगाए हैं. जो अब ना केवल घर में फल व सब्जी की जरूरत की पूर्ति करते हैं, बल्कि प्राकृतिक फूलों और नैसर्गिक खुशबू से पूरा घर महक रहा है. उन्होंने अपने शौक के मुताबिक छत पर टेरेस गार्डन की शुरुआत फल-सब्जी के पौधों से ही की थी. 2011 के दरमियान जब करीब एक दर्जन गमलों में छत पर भरपूर सब्जी पैदा हुई तो उन्होंने पौधों की देखभाल के साथ उनके साथ जीने को ही अपनी दिनचर्या बना लिया.
5 हजार स्कवायर फीट में गार्डन :वंदना जोशी ने आम ग्रहिणी की तरह टीवी देखने और अनावश्यक कार्यों में समय बर्बाद करने के बजाय प्रतिदिन दोपहर 1 बजे से लेकर शाम 6 बजे तक अपने टेरेस गार्डन में गार्डनिंग को ही अपनी जिंदगी का हिस्सा बना लिया. बीते 10 सालों में स्थिति यह हो गई कि करीब 5000 स्क्वायर फीट की छत पर उनके यहां 1000 प्रकार के पेड़- पौधों की वैरायटी है. इसमें भी गौर करने वाली बात यह है कि यह सारे पेड़-पौधे गमलों में हैं. इनमें आम, अनार, केले, अंजीर, जामुन, अमरूद, मौसंबी, संतरे, नींबू ,सीताफल आदि के कई पेड़ हैं, जो अब बड़े होकर लगातार फल दे रहे हैं.
टेरेस पर ही सभी हरी सब्जियां उपलब्ध :फलदार पेड़-पौधों के अलावा वंदना जोशी का गार्डन रोज उनके घर में तरह-तरह की सब्जी की आपूर्ति करता है. जिसमें पालक, मैथी, हरी मिर्च शिमला मिर्च, बालोर, सुरजना, पुदीना, मूली, मटर, टमाटर, धनिया, बैगन, लौकी, ककड़ी के अलावा हर मौसमी सब्जी की पैदावार उनके गार्डन में होती है. वंदना जोशी के जुनून का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि वह पेड़-पौधों के सूखने अथवा मुरझाने के डर से कहीं भी एक-दो दिन से ज्यादा शहर के कभी बाहर भी नहीं जाती. सैकड़ों पौधों की देखभाल को लेकर चुनौती यह भी है कि एक साथ इतने पौधों की देखभाल करने में उन्हें कई कई घंटे लग जाते हैं. इसके बावजूद पेड़-पौधों को अपने बच्चों की तरह देखभाल करती हैं. गार्डन से संबंधित बाहरी कामों में वंदना जोशी के सिविल इंजीनियर पति मनोज जोशी मदद कर देते हैं. जबकि अपने दोनों बच्चों के शहर के बाहर जॉब में रहने के कारण गार्डन का पूरा जिम्मा वंदना जोशी को ही संभालना होता है.