इंदौर में प्राचीन व दुर्लभ मुद्रा की अनूठी प्रदर्शनी, जानिए भारतीय मुद्रा का अब तक का इतिहास
दशकों से तरह-तरह की मुद्रा और रुपया एकत्र करने वाले दुर्लभ मुद्रा के व्यापारी इसकी प्रदर्शनी (बाजार) आयोजित करते हैं. मुद्रा बाजार में न केवल प्राचीन से प्राचीनतम मुद्रा और रुपया बेचे जाते हैं, बल्कि खरीदी भी की जाती है. ऐसा ही मुद्रा बाजार इंदौर में आयोजित किया गया. इसे देखने के लिए इंदौर के साथ ही आसपास के जिलों से लोग पहुंचे. Ancient rare currency exhibition Indore
इंदौर में लगा अनूठा प्राचीन व दुर्लभ मुद्रा प्रदर्शनी
इंदौर में प्राचीन व दुर्लभ मुद्रा की अनूठी प्रदर्शनी
इंदौर। देशभर में प्राचीन मुद्रा और रुपया एकत्र करने वालों की कमी नहीं है. खास बात यह है कि मुद्रा के शौकीन इन व्यापारियों के बीच न केवल प्राचीन भारतीय मुद्रा बल्कि दुनिया के तमाम देशों की दुर्लभ और प्राचीन मुद्रा मौजूद है, जो देश के विभिन्न स्थानों पर लगने वाले मुद्रा बाजार में मनचाही कीमतों पर बेची जाती है. तरह-तरह की मुद्रा के शौकीन व्यापारियों द्वारा एकत्र की जाने वाली मुद्रा 100 गुने से भी ज्यादा दामों पर बिकती है. यह मुद्रा जितनी ज्यादा दुर्लभ और प्राचीन होती है, बाजार में उसकी उतनी ज्यादा कीमत मिलती है. Ancient rare currency exhibition Indore
मुद्राएं बेचने के साथ ही खरीदते भी हैं :देशभर में तरह-तरह के सिक्के और विभिन्न देशों की प्राचीन मुद्रा एकत्र करने वाले लोग अब बाकायदा मुद्रा बाजार लगा रहे हैं. अपनी मुद्राएं बेचने के साथ ही ये लोग खरीदते भी हैं. हाल ही में मुद्रा का यह बाजार इंदौर में लगा तो कई लोग न केवल अपने पास मौजूद दुर्लभ सिक्के अथवा रुपया बेचने पहुंचे. सैकड़ों लोग ऐसे थे जो मुद्रा के इस बाजार में तरह-तरह की मुद्राएं और सिक्के देखने पहुंचे. ये लोग मानते हैं कि मुद्रा बाजार भी देश की प्राचीन संस्कृति का हिस्सा है. इसके बारे में युवा पीढ़ी को जानना चाहिए. Ancient rare currency exhibition Indore
बदलता गया भारतीय मुद्रा का स्वरूप :दरअसल, भारत में वस्तु विनिमय के लिए मुद्रा अथवा रुपये का उपयोग नर्मदा घाटी सभ्यता के पूर्व का है, जहां 26 जनपदों में 112 तरह के सिक्के प्रचलन में थे. इन जनपदों में आंध्र अंग, आसमा का अवंती अयोध्या, चेड़ी गंधार, गुरु मगध मत्स्य मालिया, पांचला, सौराष्ट्र, शाक्य, विदर्भ वांग और मौर्य आदि जनपद थे. जहां रियासतों के राजाओं ने अपनी जनपदों में विभिन्न प्रकार की मुद्रा का प्रचलन शुरू कराया. जिसका उपयोग लोग वस्तु विनिमय के लिए करते थे. जैसे-जैसे समय बदला वैसे-वैसे मानव सभ्यता के साथ भारतीय मुद्रा का स्वरूप भी बदला. Ancient rare currency exhibition Indore
भारतीय मुद्रा का समृद्ध इतिहास :वहीं, प्राचीन मुद्रा को लेकर क्रेज अभी भी है. इंदौर में ही ऐसे 50 से ज्यादा संग्रहकर्ता हैं, जो प्राचीन सिक्कों को अब हजारों रुपये में खरीद रहे हैं. यही वजह है कि देशभर में करीब 100 से ज्यादा मुद्रा व्यापारी सिक्के और प्राचीन नोट लेकर मुद्रा बाजार में पहुंचते हैं, जहां उनके ये नोट और प्राचीन मुद्रा उन्हीं की तरह मुद्रा को सहेजने वाले अन्य शौकीनों को बेच दी जाती है. भारतीय मुद्रा का संग्रह करने वाले बताते हैं कि प्राचीन से प्राचीन मुद्रा लोग इसलिए खरीद रहे हैं क्योंकि आने वाली पीढ़ी को भारतीय मुद्रा का समृद्ध इतिहास बता सकें. Ancient rare currency exhibition Indore