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MP: इंदौर कलेक्ट्रेट में बाबू ने किया 5 करोड़ से ज्यादा का गबन, क्लबों में लड़कियों पर लुटाया धन

इंदौर में कलेक्ट्रेट कार्यालय में बाबू द्वारा 5.68 करोड़ रुपए के गबन का मामला सामने आया है. पुलिस ने इस मामले में बाबू मिलाप चौहान और अन्य 26 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है. पुलिस ने मिलाप चौहान को गिरफ्तार कर कोर्ट के पेश किया, जहां से उसे 4 दिन की रिमांड पर भेज दिया गया है. पुलिस पूछताछ के दौरान मिलाप चौहान ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. उसने बताया कि "अधिकांश धन पार्टी करने और घूमने-फिरने में उड़ाया है''.

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इंदौर में कलेक्ट्रेट के बाबू ने किया 5 करोड़ का गबन

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Published : Mar 24, 2023, 8:47 PM IST

Updated : Mar 24, 2023, 8:52 PM IST

इंदौर में कलेक्ट्रेट के बाबू ने किया 5 करोड़ का गबन

इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर में जिलाधिकारी कार्यालय में 5.68 करोड़ रुपये के कथित गबन में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार 42 वर्षीय लिपिक ने शुक्रवार को कबूल किया कि ''वह मुंबई और गोवा के होटलों व क्लबों में धन उड़ा चुका है तथा उसने एक फार्म हाउस भी खरीदा है''. जिलाधिकारी कार्यालय की लेखा शाखा में पदस्थ लिपिक मिलाप चौहान (42) ने मीडिया के कैमरों के सामने यह बात उस वक्त कबूल की, जब पुलिस उसे गबन मामले में गिरफ्तारी के बाद जिला अदालत में पेश करने की तैयारी कर रही थी.

क्लब में लड़कियों पर उड़ाया पैसा: पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि अदालत ने अभियोजन की अर्जी पर चौहान को 28 मार्च तक पुलिस हिरासत में भेजने का आदेश दिया है. पुलिस हिरासत में भेजे जाने से पहले चौहान ने संवाददाताओं से कहा, ''मैंने अधिकांश धन पार्टी करने और घूमने-फिरने में उड़ाया है. मैंने मुंबई के होटलों में भी धन खर्च किया है. हम चार-पांच दोस्त होटल में नाचने वाली लड़कियों पर धन उड़ाते थे, हम क्लब जाते थे और रात भर शराब पीकर नाचते थे. लिपिक ने बताया कि वह अपने दोस्तों के साथ दो बार गोवा भी जा चुका है''. चौहान ने यह भी कहा कि ''उसने एक फार्म हाउस खरीदा है जिसे वह बेचना चाहता है और इससे मिलने वाली पूरी रकम सरकार को देना चाहता है''.

28 अन्य लोगों के खिलाफ केस दर्ज: लिपिक ने दावा किया कि वर्ष 2020 से 2022 के बीच हुए गबन में से उसने केवल दो करोड़ रुपये लिए हैं और बाकी धन अन्य आरोपियों ने रखा है. रावजी बाजार पुलिस थाने के प्रभारी प्रीतम सिंह ठाकुर ने बताया कि ''चौहान के अलावा 28 अन्य लोगों पर भी गबन मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई है और बाकी आरोपियों की तलाश की जा रही है''. उन्होंने बताया कि ''इन आरोपियों में जिलाधिकारी कार्यालय का एक अन्य लिपिक रणजीत करोड और चपरासी अमित निम्बालकर के साथ ही वे लोग भी शामिल हैं, जिनके बैंक खातों का इस्तेमाल गबन के धन के अंतरण के लिए किया गया था''.

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परिजनों और रिश्तेदारों के खातों में जमा कराए पैसे: अतिरिक्त जिलाधिकारी (एडीएम) राजेश राठौर ने बताया कि ''गबन की शुरुआत वर्ष 2020 से हुई और जिलाधिकारी कार्यालय में पदस्थ आरोपी अलग-अलग योजनाओं के लाभार्थियों को मिलने वाली रकम और अन्य सरकारी भुगतान की राशि अपने परिजनों, नजदीकी रिश्तेदारों और परिचितों के करीब 25 बैंक खातों में फर्जीवाड़ा कर जमा कराते थे''. उन्होंने बताया कि ''जो सरकारी भुगतान ऑनलाइन अंतरण के वक्त किसी तकनीकी त्रुटि के चलते असफल हो जाते थे, उन्हें आरोपी अपने परिजनों, नजदीकी रिश्तेदारों और परिचितों के खातों में फर्जी तरीके से जमा करा देते थे जबकि उन्हें संबंधित त्रुटि दूर करके वास्तविक लाभार्थियों तक रकम पहुंचानी चाहिए थी''.

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Mar 24, 2023, 8:52 PM IST

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