भोपाल।भाषण प्रतियोगिताओं के बारे में तो आपने बहुत कुछ सुना होगा, कई विषयों पर भाषण प्रतियोगिता होती हैं. ऐसे में मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग का एक फैसला कांग्रेस को रास नहीं आ रहा है. दरअसल एमपी के उच्च शिक्षा विभाग ने अप्रैल महीने में ही एक भाषण प्रतियोगिता आयोजित करने की तैयारी कर ली है, इस भाषण प्रतियोगिता का विषय रखा गया है- '2014 के पहले और उसके बाद के भारत की प्रगति.' फिलहाल युवा नीति के तहत भाषण प्रतियोगिताएं होंगी, जिसमें छात्रों को इन 8 सालों की प्रगति के बारे में भाषण देना होगा.
मध्य प्रदेश उच्च शिक्षा विभाग का एकतरफा फैसला:दरअसल यह 8 साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल के हैं, ऐसे में युवाओं को लुभाने के लिए हो रहे इस आयोजन को लेकर एनएसयूआई और यूथ कांग्रेस विरोध में आ गए हैं. यूथ कांग्रेस के मीडिया प्रभारी विवेक त्रिपाठी कहते हैं कि "यह सरासर एकतरफा युवाओं को लुभाने की तैयारी की जा रही है, क्योंकि अगर इस तरह से क्राइटेरिया ही निश्चित करना था तो 2014 ही क्यों? सन् 2000 से भी आप इस भाषण को ले सकते थे कि सन् 2000 से लेकर 2023 तक कितना विकास और बदलाव हुआ है. उच्च शिक्षा विभाग का यह फैसला सीधे तौर पर एक तरफा है."