डिंडौरी :मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने पुलिस ने डिंडौरी जिले के आसिफ खान के खिलाफ दर्ज अपहरण के मामले में आगे कोई कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया है. न्यायमूर्ति नंदिता दुबे की एकल पीठ ने 22 वर्षीय साक्षी साहू द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया. साक्षी ने अदालत को बताया था कि उसने अपनी मर्जी से आसिफ खान से शादी की थी. पीठ ने अपने आदेश में कहा कि उन्होंने प्रस्तुत किया कि वे अपनी शादी को विशेष विवाह अधिनियम के तहत पंजीकृत कराएंगे, क्योंकि वे दोनों सात अप्रैल से साथ रह रहे हैं.
साक्षी साहू ने बताया कि भारत के नागरिक होने के नाते, उन्हें अपनी पसंद का जीवन साथी चुनने का अधिकार है. मध्य प्रदेश पुलिस ने 4 अप्रैल को साहू के भाई की शिकायत के आधार पर अपहरण और महिला को शादी के लिए मजबूर करने की धाराओं में आसिफ खान पर मामला दर्ज किया था. सात अप्रैल को जिला प्रशासन ने खान के परिवार से संबंधित तीन दुकानों को यह दावा करते हुए ध्वस्त कर दिया था कि उनका निर्माण अवैध रूप से किया गया था.
साक्षी ने लगाए गंभीर आरोपः विध्वंस के कुछ घंटों बाद, पूर्व मंत्री और भाजपा के जिलाध्यक्ष नरेंद्र सिंह राजपूत द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग 45 पर एक विरोध प्रदर्शन किया गया, जिन्होंने मांग की थी कि खान के घर को भी तोड़ा जाना चाहिए. कलेक्टर रत्नाकर झा और सब डिविजनल मजिस्ट्रेट बलबीर रमन सहित जिला अधिकारियों की एक टीम ने प्रदर्शनकारियों से मुलाकात की थी. इसके बाद आठ अप्रैल को खान के घर को तोड़ दिया गया था.