नई दिल्ली : लोकसभा में सांसद हनुमान बेनीवाल ने बच्चों के बीच स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (Spinal Muscular Atrophy) और मस्कुलर डिस्ट्रॉफी (Muscular dystrophy) का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा, इसके लिए दवा कैसे आयात की जाती है, इसकी कीमत बहुत ज्यादा है.
स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी टाइप-1 और टाइप-2 साथ ही मस्कुलर डिस्ट्रॉफी के संबंध में दिल्ली हाईकोर्ट में दायर याचिका में केंद्र सरकार ने बताया था कि देशभर में पांच लाख बच्चे इस बीमारी से पीड़ित हैं. हनुमान बेनीवाल ने कहा कि सरकार ने हाईकोर्ट को बताया था कि हर बच्चे के इलाज पर 6 करोड़ रुपये खर्च करने पड़ेंगे.
हनुमान बेनीवाल ने संसद में सरकार की ओर से दिए गए जवाब का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि 23-9-2020 को केंद्र सरकार ने लोक सभा में बताया था कि सरकार के पास मस्कुलर डिस्ट्रॉफी से पीड़ित बच्चों के आंकड़े नहीं हैं. उन्होंने सवाल किया कि सरकार के दो बयानों में ऐसी विसंगति क्यों है?