भोपाल/रतलाम। एमपी के रतलाम जिले के रिंगनोद थाने में शनिवार से लेकर रविवार सुबह तक अचानक सोने के व्यापारियों का आना जाना बढ़ गया. कोई समझ नहीं पा रहा था कि सोने के व्यापारी क्यों थाने आ रहे हैं. मसला रविवार सुबह तब खुला जब पुलिस ने मीडिया के सामने आकर बताया कि एक बड़ी सोने की तस्करी पकड़ी गई है. ईटीवी भारत ने मामले में पड़ताल की ताे पता चला कि पूरा सोना मुंबई से रतलाम लाया गया था और यहां से राजस्थान व गुजरात के कई शहरों में डिलीवर होना था. डिलीवरी देने वाले दोनों शख्स भी एमपी के बाहर से आकर रतलाम में रुके थे. इनमें से प्रवीण सैनी हरियाणा तो दूसरा सुभाष वर्मा राजस्थान के सीकर जिले का रहने वाला है. सुभाष की उम्र 32 और प्रवीण की उम्र 30 साल है. दोनों के पास बरामद कि गए सोने के करीब 100 पैकेट में सोना अलग अलग रूप में बंद था. किसी में सोने की ईंट थी तो किसी में बिस्कुट के रूप में सोना रखा हुआ था. बहुत सारे पैकेट में जेवरात के रूप में भी सोना था.
तस्करों ने कंप्यूटर से नकली बिल किए तैयार:पुलिस ने बताया कि 24 कैरेट का यह सोना रतलाम शहर के साथ एमपी के मंदसौर जिला, नीमच जिला और आगर जिला में डिलीवर किया जाना था. वहीं राजस्थान के बांसवाड़ा में भी कुछ पैकेट डिलीवर होने थे. जबकि गुजरात के कुद शहरों में भी इसे डिलीवर किया जाना था. सोने की तस्करी के लिए दोनों ही तस्करों ने कंप्यूटर से नकली बिल भी तैयार किए थे. ताकि चेकिंग होने पर एकदम किसी को बताकर निकला जा सके. यह बिल इतनी सफाई से तैयार किए गए हैं कि असली और नकली में फर्क करना मुश्किल हो रहा है. इसके बाद भी रतलाम के दर्जन भर व्यापारियों ने पहुंचकर क्लेम किया है कि उनके बिल असली हैं. तस्करी पकड़ने के बाद पुलिस ने जीएसटी, इनकम टैक्स और अन्य दूसरे डिपार्टमेंट को सूचित कर दिया है.
शौकिया लोगों के लिए ले जा रहे थे फॉरेन करंसी: पूछताछ में पता चला कि जो फॉरेन करंसी पकड़ी गई, वह शौकियां लोगों के लिए ले जाई जा रही थी. रतलाम एसपी राहुल कुमार लोढ़ा ने बताया कि ''हमें हवाली की आशंका है.'' जब उनसे पूछा कि सोने के साथ विदेशी करंसी का क्या काम तो उन्होंने बताया कि ''कुछ लोग विदेशी करंसी घर में रखना शान और शौकत समझते हैं. इनके नंबर्स यूनिक होते हैं, इसलिए भी लोग रखते हैं. जबकि भारतीय करंसी एक सीरिज में रहती है. यह लोग ऐसे ही कुछ लोगों को सप्लाई करने वाले थे.''