भोपाल। मध्यप्रदेश में बच्चों के निवाले पर फिर डाका डाला गया है, महिला बाल विकास विभाग की पोषण आहार योजना में फिर एक बार बड़ी गड़बड़ी सामने आई है. अकाउंटेंट जनरल की रिपोर्ट में ये खुलासा हुआ है कि हितग्राहियों की पहचान के सर्वे से लेकर उनके बीच पोषण आहार के वितरण और राशन की क्वालिटी तक कई परतों पर घोटाला है. टेक होम राशन की ऑडिट रिपोर्ट में ये खुलासा हुआ है कि केंद्र सरकार ने राज्य को टेक होम राशन बांटने के लिए स्कूल छोड़ चुकी किशोरियों का जो सर्वे अप्रैल 2018 तक पूरा करने के निर्देश दिए थे, विभाग उसे फरवरी 2021 तक पूरा नहीं कर पाया. इसके अलावा जो डाटा पेश किया गया उसमें भी भारी गड़बड़िया हैं, इस तरह रिपोर्ट मे चौंकाने वाले खुलासे हैं. MP Food Scam
भ्रष्ट्राचार की भेंट चढा पोषण आहार: कागजों में टेक होम राशन ट्रकों से पहुंचा है, लेकिन हकीकत में ऐसा नहीं है. टेक होम राशन देने वाली फर्म का दावा कि 6.94 करोड़ की लागत वाले 1125.64 मैट्रिक टन टेक होम राशन का परिवहन किया गया. लेकिन वाहनों के डाटाबेस में मोटरसाईकिल कार ऑटो टैंकर के नंबर निकले. घोटाले की इतनी परतें हैं कि स्कूल छोड़ चुके फर्जी हितग्राही खड़े कर दिए गए और उनके नाम पर कागजों में राशन भी बंट गया. करीब 49 लाख से ज्यादा रजिस्टर्ड बच्चे और महिलाएं हैं, इस योजना में जिन तक भ्रष्ट्राचार की भेंट चढा ये पोषण आहार पहुंचना था. ईटीवी भारत के पास ये ऑडिट रिपोर्ट उपलब्ध है.Food Scam in mid day meal
Narottam Mishra PC गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने दी पोषण आहार घोटाले पर सफाई, CAG की रिपोर्ट फाइनल नहीं
कागजों में ट्रक से पहुंचा टेक होम राशन:टेक होम राशन को ले जाने वाले ट्रक भी कागजों पर दौड़े हैं, टेक होम राशन बनाने वाली 6 फर्म का दावा है कि उन्होने 6.94 करोड़ की लागत वाले 1125.64 मैट्रिक टन टेक होम राशन का परिवहन किया. जाहिर है इस मात्रा में टेक होम राशन ट्रकों से ही पहुंचाया जाएगा, लेकिन वाहन का डेटा बेस कहता है कि इस्तेमाल किए गए वाहन के नंबर मोटरसाइकिल, कार, ऑटो और टैंकर के तौर पर रजिस्टर्ड हैं. इतना ही नहीं रिपोर्ट के मुताबिक टेक होम राशन के प्रोडक्शन की तुलना में फर्जी उत्पादन भी 58 करोड़ का है. रिपोर्ट के हवाले से धार, मंडला, रीवा, सागर और शिवपुरी जिले में टीएचआर उत्पादन की तुलना में फर्जी उत्पादन 58 करोड़ था. धार, मंडला, रीवा, सागर और शिवपुरी में छह संयंत्रों ने चालान जारी करने की तिथि पर टीएचआर स्टॉक की अनुपलब्धता के बावजूद 4.95 करोड़ की लागत से 821.558 मीट्रिक टन टीएचआर की आपूर्ति कर दी गई. mid day meal for kids scheme
पोषण आहार की गुणवत्ता भी संदिग्ध:टेक होम राशन के सैम्पल राज्य के बाहर स्वतंत्र प्रयोगशालाओं में जांच के लिए भेजे जाने थे, लेकिन इसमें भी लापरवाही की गई. ये इस बात की तरफ भी इशारा करती है कि लाभार्थियों को खराब गुणवत्ता का पोषण आहार बांटा गया. गड़बड़ी की इतनी परतें है कि ऑडिट की जांच रिपोर्ट में इस बात का भी खुलासा हुआ कि सागर और शिवपुरी जिले में 2865 टेक होम राशन के पैकेट प्रोजेक्ट स्तर के वैयरहाउस में उपलब्ध थे. जबकि रिकार्ड में इनका वितरण बता दिया गया.
नाले में मिले बच्चों की सेहत बनाने के लिए पोषण आहार के पैकेट, कलेक्टर ने दिए जांच के निर्देश
चुनाव से पहले बड़ा सियासी मुद्दा:फिलहाल कांग्रेस नेता के के मिश्रा ने आरोप लगाया है कि, "हैरत की बात है कि जो विभाग खुद मुख्यमंत्री देखते हैं, उस विभाग में ऑडिटर जनरल की रिपोर्ट में घोटाला सामने आया है. जिस विभाग का सालाना बजट ढाई हजार करोड़ का है उसमें गड़ब़डियों की इतनी परतें हैं, कि 6 संयंत्रों से फर्जी ट्रकों में पोषण आहार भेजा जा रहा था. शाला त्यागने वाली किशोरियों के डाटा में भी गड़बड़ी निकली है." kids scheme ration distributed in papers