सिंहासन खाली करो, कि जनता आती है...राष्ट्रीय कवि रामधारी सिंह दिनकर की ये लाइनें आज एमपी सियासत पर सही बैठ रही हैं. ऊंट किस तरफ बैठेगा ये तो 17 नवंबर को प्रदेश भर में होने वाले एक चरण के मतदान के बाद 3 दिसंबर को पता चलेगा. लेकिन आज बात एमपी की सियासत के 6 ध्रुव की. जिन्हें एमपी रीजन के नाम से जाना जाता है. अगर प्रदेश की राजनीति में बन रहे सियासी समीकरणों को समझना है. तो इन इलाकों के राजनीतिक खेल को समझना जरूरी है.
आइए समझते हैं. प्रदेश के 6 रीजन, निमाड़- मालवा, मध्यभारत, बुंदेलखंड , विंध्य , महाकौशल और ग्वालियर- चंबल के इलाको के इस चुनाव में बनते बिगड़ते सियासी समीकरण.
मालवा निमाड़ में सियासी समीकरण: सबसे पहले मालवा-निमाड़ क्षेत्र का सियासी समीकरण की बात कर लेते हैं. इन इलाकों में 66 सीटें आती है. ये प्रदेश की कुल सीटों का 28.7 प्रतिशत है. इनमें इंदौर 9, उज्जैन की 7, रतलाम की पांच, मंदसौर की चार, नीमच की 3, धार की 7, झाबुआ की तीन, अलीराजपुर की दो, बड़वानी की चार, खरगोन की 6, बुरहानपुर की दो, खंडवा की चार, देवास की पांच, शाजापुर की तीन और आगर मालवा की दो सीटें शामिल हैं.
यूं तो मालवा निमाड़ को एमपी के सत्ता का द्वार कहा जाता है. इसकी वजह भी है, क्योंकि प्रदेश की आर्थिक राजधानी का केंद्र बिंदु मालवा और निमाड़ ही है. यहां से प्रदेश की राजनीति ने 6 मुख्यमंत्री दिए. यहां की चर्चित सीटों में इंदौर की 1 सीट है. जहां से बीजेपी के कद्दावर नेता कैलाश विजयवर्गीय चुनावी मैदान में हैं. इनके अलावा, पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया के बेटे विक्रांत भूरिया झाबुआ से कांग्रेस के बैनर तले चुनावी मैदान में हैं. अगर 2018 के चुनाव की बात करें, तो कांग्रेस ने यहां से 35 सीटें जीती थीं. तो इधर 28 सीटों पर भाजपा ने अपना परचम फहराया था. इसके अलावा बची तीन सीटों पर अन्य उम्मीदवार चुनाव जीते थे.
मध्यभारत में सियासी समीकरण: अब बात कर लेते हैं. मध्यभारत के इलाकों की. यहां प्रदेश की कुल 36 सीटें आती है. इनमें भोपाल, नर्मदापुरम संभाग आता है. दोनों संभाग में आठ जिले आते हैं. जिनमें भोपाल, सीहोर, राजगढ़, रायसेन, विदिशा, नर्मदापुरम, हरदा और बैतूल जिले शामिल हैं. यहां की सीहोर की बुधनी विधानसभा से शिवराज सिंह चौहान विधायक हैं. इस इलाके की 36 सीटों में से बीजेपी के पास 24 सीट हैं, और 12 सीट कांग्रेस के पास है. जिलेवार आंकड़ो पर नजर डाले तो भोपाल में 7 सीटें हैं. सीहोर में 4 सीटें हैं. राजगढ़ में 5 सीटें हैं. रायसेन में 5 सीटें हैं. विदिशा की 5 सीटें हैं. नर्मदापुरम में 4 सीटें हैं. हरदा की 2 सीटें हैं और बैतूल की 5 सीट शामिल है.