भोपाल।मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए चुनाव अधिकारी की निगाह अब उन मजदूरों और युवाओं पर है, जो कामकाज और पढ़ाने के लिए क्षेत्र से बाहर हैं. ऐसे मजदूरों और युवाओं की संख्या 8 लाख के करीब है. जिन्हें मतदान के दिन बुलाने के लिए चुनाव अधिकारियों को पसीना बहाना पड़ रहा है. इसके लिए चुनाव आयोग ने जिला निर्वाचन अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी है. ऐसे युवाओं और मजदूरों को वोट डलवाने के लिए जिला अधिकारियों का व्हाट्सएप ग्रुप भी बनाए गए हैं, ताकि दीपावली पर आने वाले युवाओं और मजदूरों को मतदान तक रोका जा सके.
करीब 8 लाख युवाओं और मजदूरों पर फोकस:प्रदेश के बुंदेलखंड, ग्वालियर चंबल और आदिवासी अंचल से बड़ी संख्या में श्रमिक पलायन कर दूसरे राज्यों में काम के लिए जाते हैं. चुनाव आयोग प्रदेश में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए ऐसे श्रमिकों पर खास फोकस कर रहा है. यह श्रमिक मतदान के दिन तक अपने गांव में रूकें और मतदान की प्रक्रिया में हिस्सा ले सकें, इसके लिए चुनाव आयोग ने प्रदेश से सटे राज्यों जैसे गुजरात, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, छत्तीगढ़ और महाराष्ट्र राज्य को पत्र लिखा है. जिसमें कहा है कि मतदान के लिए मजदूरों को सवैतनिक अवकाश दिया जाए.
उधर प्रदेश में बीएलओ के माध्यम से सभी जिलों में ऐसे मजदूरों को चिन्हित किया गया है. इन मजदूरों से संपर्क कर उन्हें मतदान के लिए प्रेरित किया जा रहा है. दरअसल मतदान के 5 दिन पहले दीपावली भी है, आयोग की कोशिश है कि इन्हें 17 नवंबर मतदान की तारीख तक रोका जा सके. इसके लिए सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों द्वारा व्हाट्सएप ग्रुप भी बनाए गए हैं, जिस पर सभी की जानकारी बुलाई जा रही है.